त्रिपुरा में लड़ रही 50 हजार कार्यकर्ताओं की फौज, जानिए एक साल में कैसे और कितनी तैयार हुई बीजेपी

बीजेपी नेताओं का कहना है कि त्रिपुरा की लड़ाई के लिए पार्टी के चुनावी इतिहास में अभूतपूर्व प्रयोग किया जा चुका है। अब पार्टी एक साल तक के लिए एक कैडर आधारित संगठन के निर्माण का विशाल कार्य करने में जुटी हुई है ताकि सीपीआई(एम) और लेफ्ट फ्रंट पार्टीयों की सेना से मुकाबला किया जा सके। करीब पांच हजार बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं, प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों को इसका हिस्सा बनाया गया है जो कि देश के अलग-अलग भागों से इसमें शामिल हुए हैं। इसे लेकर बीजेपी के त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि इस सेना को कम्युनिस्ट्स के साथ लड़ने और त्रिपुरा जीतने के लिए तैयार किया जा रहा है।

वहीं एक साल पहले बीजेपी ने बिप्लव देव को बीजेपी का राज्य सचिव बनाया था। अगर बीजेपी राज्य में चुनाव जीतती है तो उन्हें ही सीएम पद मिल सकता है। देवधर ने कहा “चूंकि बिप्लव देव ने अपना पद संभाल लिया है तो हम संगठन बनाने में पूरी तैयारी के साथ लगे हुए हैं। हमारे लिए सबसे पहले महत्वपूर्ण एक मोर्चे का निर्माण करना था। अब हमारे पास युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों और किसानों के लिए भी मोर्चा है। इन मोर्चों को पहले मंडल स्तर पर सेट किया गया। इसके बाद इन्हें जिला और फिर राज्य स्तर पर सेट किया गया। हम जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से जुड़ने में कामयाब रहे हैं। इन मोर्चों को पिछले साल जनवरी में तैयार किया गया था जो कि अब बहुत मजबूत हो गया है।”

उन्होंने कहा “हाल ही में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली में तीन जिलों से दस हजार महिलाएं शामिल हुई थीं जो एक छोटे से राज्य के अनुसार बहुत अधिक संख्या है।” इसके बाद देवधर ने कहा “मोर्चे के बाद 60 विस्तारकों को 60 विधानसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त किया गया। इन लोगों का मुख्य कार्य मतदाताओं से मुलाकात करना और जितना संभव हो सके उनके काम में मदद करना है। इसके लिए युवा लड़कों को चुना गया है, जिनकी उम्र 25-26 साल है। इसके साथ ही पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति की गई जो कि दस्तावेज तैयार करते हैं। इनका मुख्य कार्य प्रत्येक मतदान केंद्र की वोटर लिस्ट बनाना है। पन्ना प्रमुख के पास प्रत्येक केंद्र के 60 मतदाताओं के नाम की लिस्ट है और पन्ना प्रमुख इन लोगों की जरूरतों को पूरा करने का कार्य कर रहे हैँ। ये वो कार्यकर्ता हैं जो कि रोज सीधेतौर पर मतदाताओं से जुड़ रहे हैं।”

इसके साथ ही बीजेपी ने शक्ति केंद्र विस्तारकों को भी नियुक्त किया है जिनमें से एक विस्तारक प्रत्येक पांच पोलिंग बूथ का चार्ज संभाल रहा है। देवधर ने कहा “त्रिपुरा में 3,400 बूथ हैं जिसके लिए 600 शक्ति केंद्र विस्तारक हैं। इनमें से ज्यादातर असम से हैं। इनका कार्य यह सुनिश्चित करना है कि पार्टी तेलयुक्त मशीन की तरह अच्छे से चल रही है।” बीजेपी नेता ने कहा “हमारे लिए कांग्रेस मतदाताओं को अपनी तरफ करना कोई मुश्किल कार्य नहीं था क्योंकि कई सालों से कांग्रेस हाई कमांड इन्हें नजरअंदार करती आ रही थी।” उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीपीआई(एम) मतदाताओं से संपर्क किया है। इतना ही नहीं कई सीपीआई (एम) कार्यकर्ता भी अपनी पार्टी से खफा हैं।

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