अबू धाबी में जिस मंदिर की मोदी ने रखीं नींव, बीजेपी सांसद ने शेयर कर दीं ‘अंदर की तस्वीरें’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में प्रथम हिन्दू मंदिर के निर्माण की आधारशिला 11 फरवरी को रखी। मोदी ने इस पवित्र स्थल को मानवता एवं समरसता का ‘‘उत्प्रेरक तत्व’’ बताया जो भारत की पहचान का माध्यम बनेगा। अबू धाबी में यह मंदिर 55,000 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा। मंदिर का निर्माण भारतीय वास्तुकार कर रहे हैं और इसके लिये सामग्री यूएई से मिली है। निर्माण कार्य 2020 में पूरा होगा और यह सभी धर्म के लोगों के लिये खुला रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को इस मंदिर की आधारशिला रखने ही वाले थे लेकिन इससे पहले ही गुजरात के कच्छ के सांसद विनोद चावड़ा ने ट्विटर पर मंदिर की ‘सुंदर तस्वीरें’ शेयर कर दीं। लोगों ने इस ट्वीट पर जब हैरानी जताई तो सांसद महोदय को ये ट्वीट डिलीट करना पड़ीं। हांलाकि जब तक विनोद चावड़ा ट्वीट डिलीट करते कई लोग इसे शेयर और रीट्वीट कर चुके थे। कुछ ही घंटों में ये ट्वीट सोशल मीडिया पर छा चुका था।

इस ट्वीट के लिए सांसद महोदय की काफी किरकिरी भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक विनोद चावड़ा ने जो तस्वीरें शेयर की है वह अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की है। यह मंदिर काफी विशाल और भव्य है। आकार में यह मंदिर अक्षरधाम मंदिर का दोगुना है। यह मंदिर 2017 में तैयार हुआ था। अबू धाबी में अब जिस मंदिर का निर्माण होगा वहां पर भगवान कृष्ण, महेश्वर और अयप्पा की प्रतिमाएं होंगी। पीएम मोदी ने अबू धाबी में इस मंदिर की नींव रखते हुए कहा कि UAE के शासकों ने भारत के प्रति बहुत आदर दिखाया है और उन्हें भारतीय संस्कृति के इतिहास पर गर्व रहा है। पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण से संबद्ध लोगों और श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि मंदिर निर्माण की वजह से किसी अन्य को परेशानी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी आपसे यही आकांक्षा है।’’ प्रधानमंत्री ने गल्फ अमीरात में इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 125 करोड़ भारतीयों की ओर से अबू धाबी के शहजादा मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का धन्यवाद किया।

वर्ष 1907 में स्थापित सामाजिक-आध्यात्मिक हिन्दू संगठन बोचासनवासी श्री अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम एशिया में यह पहला पारंपरिक हिंदू पाषाण मंदिर होगा। बीएपीएस दुनियाभर में 1,100 से अधिक मंदिरों एवं सांस्कृतिक परिसरों की देखरेख करता है। मंदिर में पारंपरिक हिंदू मंदिर के सभी पहलू एवं विशेषताएं शामिल होंगी और यह पूर्ण रूप से कार्यात्मक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परिसर होगा।यह नयी दिल्ली में बीएपीएस मंदिर की प्रतिकृति तैयार करेगा और न्यू जर्सी में ऐसे एक मंदिर का निर्माणकार्य जारी है।

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