RTI में खुलासा, 500-1000 के पुराने नोट गिनने के लिए बैंकों ने नहीं किया था मशीनों का इस्तेमाल
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती के लिए मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने नोटों की गिनती के लिए तैनात र्किमयों की संख्या बताने से इनकार कर दिया है। सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मांगे गए जवाब से इस बात की जानकारी हुयी। 10 अगस्त को दायर आरटीआई में नोटों की गिनने के लिए कितनी मशीनों का इस्तेमाल किया गया था, इस बात की जानकारी मांगी गयी थी।
इसके जवाब में आरबीआई ने कहा, “500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती के लिए बैंक के किसी भी कार्यालय में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।” बैंक ने बताया कि इस काम के लिए पट्टे पर भी कोई मशीन नहीं ली गयी थी। वहीं, आरबीआई ने इस बात की जानकारी देने से इनकार कर दिया कि नोटों को गिनने के लिए कितनी कर्मचारियों को लगाया गया था। पीटीआई-भाषा के संवाददाता द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में बैंक ने कहा कि आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 7 (9) के अनुसार यह जानकारी नहीं दी जा सकती है।
नोट गिनने की शुरुआत किस तिथि से की गई थी, इस प्रश्न के जवाब में बैंक ने कहा कि नोटों की गिनती सतत रूप से जारी रही।
बता दें कि 30 अगस्त को जारी सालाना रपट में रिजर्व बैंक ने कहा था कि 15.28 लाख करोड़ या 99 प्रतिशत 500 और 1000 रुपये के नोट बैंंिकग प्रणाली में वापस आये थे। वहीं, कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोटों में से 16,050 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, उस समय 500 रुपये के 1,716.5 करोड़ नोट और 1000 के 685.8 करोड़ नोट चलन में थे। जिनकी कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपये थी।