एसबीआई की रिसर्च ने वित्त मंत्री की योजना को सराहा पर आंकड़ों को झुठलाया
एसबीआई की एक रपट में आज कहा किया प्रस्तावित न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी योजना के कार्यान्वयन के लिए 80,000 करोड़ रुपये का जो अनुमान पेश किया जा रहा है वह काफी बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है जब कि यह खर्च इसके एक चौथाई से भी कम रह सकता है। इसके साथ ही इसने कहा है कि आय मुआवजे की एमएसपी योजना किसानों के लिए ऋण माफी योजनाओं से कहीं बेहतर है।
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में बजट भाषण का जवाब देते हुए कहा था कि उत्पादन की लागत का 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी तय करते समय सरकार खेती की वास्तविक लागत तथा अदा न किए गए पारिवारिक श्रम के मूल्य को ध्यान में रखेगी। एसबीआई इकोरेप की प्रस्तावित एमएसपी योजना पर एक रपट में कहा गया है कि बाजार का अनुमान है कि बाजार मुआवजा योजना के कार्यान्वयन से सरकार पर 80,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इसके अनुसार, ‘लेकिन हमारा अनुमान है कि यह इस आंकड़े के चौथे हिस्से से भी कम रहेगी।’ रपट के अनुसार गेहूं, धान, बाजरा व मक्के की कुल लागत 11,500 करोड़ रुपये से भी कम रहने का अनुमान है। इसके अनुसार प्रस्तावित योजना पर विवेकपूर्ण ढंग से निगरानी रखी जानी चाहिए।