वोटर्स को घूस देने के जुर्म में गुजरात के प्रोटेम स्पीकर, पूर्व बीजेपी एमएलए सहित तीन को जेल

गुजरात विधानसभा के नवनियुक्त प्रोटेम स्पीकर और अनुभवी भाजपा विधायक निंबेन आचार्य और दो अन्य को सोमवार (12 फरवरी) को 2009 के चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में एक साल जेल की सजा सुनाई गई। मोरबी मजिस्ट्रेट की अदालत ने पूर्व विधायक और एक अन्य व्यक्ति समेत सभी को सजा सुनाते हुए 30 दिनों के अंदर आदेश को चुनौती देने का अवसर दिया है। कच्छ जिले के भुज से विधायक आचार्य, पूर्व भाजपा विधायक कांति अमरुतिया और पाटीदार अनामत आंदोलन के संयोजक मनोज पानारा पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह मामला सौराष्ट्र के मोरबी संसदीय क्षेत्र में 2009 के लोकसभा चुनाव से संबंधित है, जहां निंबेन, अमरुतिया और पानारा चुनाव प्रचार कर रहे थे। अमरुतिया मोरबी के पूर्व विधायक हैं। अदालत ने इन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को रिश्वत देने की कोशिश करने का दोषी पाया है।

एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में जज जिग्नेश दमोदरा ने आचार्य, अमरुतिया और पनारा को आईपीसी की धारा 171 (B) (वोटर्स को लालच देना) और धारा 144 के तहत दोषी माना। हालांकि अदालत ने इन्हें सेक्शन 188 (लोक सेवक द्वारा सम्यक् रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के आरोप से सबूत के अभाव में बरी कर दिया। बता दें कि इस केस को चुनाव आयोग ने दायर किया था। आयोग को सूचना मिली कि अमरुतिया और आचार्य बीजेपी को कार्यकर्ताओं को ‘गिफ्ट’ देने का वादा कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोरबी निगम समेत कुछ अन्य क्षेत्र में कुछ निश्चित वोट दिलाने में सफल रहने पर इन्हें गिफ्ट देने का वादा किया गया था। खबरों के मुताबिक 3 मार्च 2009 को बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक मीटिंग के दौरान भूज से तत्कालीन बीजेपी एमएलए कांति अमरुतिया और मोरबी के तत्कालीन विधायक निंबेन आचार्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह वादा किया था। उस वक्त ए जे पटेल मोरबी के कलेक्टर और कच्छ लोकसभा सीट के सहायक रिटर्निंग ऑफिसर थे। उन्हीं के द्वारा 25 मार्च 2009 को ये शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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