अरविंद केजरीवाल की एक लाइन पर अटक गया आप सरकार के तीन साल का विज्ञापन, अफसरों ने बताया कारण तो नाराज हुए सीएम

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के तीन साल पूरा होने पर अखबारों के साथ टीवी पर विज्ञापन के जरिये सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की तैयारी है। लेकिन, अफसरों के रवैये से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विज्ञापन अभियान को झटका लगा है। एक लाइन के कारण टीवी विज्ञापन का प्रसारण नहीं हो पा रहा है। दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग उसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। दरअसल, इसमें सीएम केजरीवाल कह रहे हैं, ‘वो कहते हैं जब आप सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं।’ ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने अरविंद केजरीवाल के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए विज्ञापन की इस लाइन पर आपत्ति जताई है। शीर्ष अदालत के फैसले के मुताबिक, विज्ञापन में दिए गए तथ्यों की संबंधित विभाग द्वारा पुष्टि की जानी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि नौकरशाहों के इस रवैये से सीएम केजरीवाल बेहद नाराज हैं। इस पर विचार-विमर्श के लिए मुख्यमंत्री ने 12 फरवरी को अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने भी शिरकत की थी।

दिल्ली के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने टीवी विज्ञापन के ऑन एयर न होने का कारण पूछा था। अफसरों ने उन्हें बताया कि विज्ञापन के अन्य हिस्सों की तो विभिन्न विभागों ने पुष्टि कर दी है, लेकिन बची हुई पंक्तियों को लेकर सभी विभाग उहापोह की स्थिति में हैं। सूत्रों का कहना है कि अफसरों के जवाब से केजरीवाल बेहद क्षुब्ध हो गए। बैठक से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘उन्होंने (मुख्यमंत्री) कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों की जांच-पड़ताल करने को कहा था, काम रोकने के लिए नहीं।’ इस विज्ञापन में अरविंद केजरीवाल ने तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में उल्लेखनीय कमी आने की बात कही है। वीडियो में सीएम केजरीवाल कह रहे हैं, ‘तीन साल हुआ कमाल, बदले स्कूल-बदले अस्पताल, बदला बिजली-पानी का हाल।’

विज्ञापन को लेकर पहले भी हो चुके हैं विवाद: दिल्ली सरकार विज्ञापन को लेकर पहले भी विवादों में घिर चुकी है। पिछले साल निगम चुनावों से ठीक पहले केजरीवाल सरकार पर विज्ञापन देने में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगा था। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ‘आप’ से इसके एवज में 97 करोड़ रुपये वसूलने की बात कही थी। दिल्ली सरकार पर विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च करने का भी आरोप लगाया जा चुका है। वर्ष 2016 में तीन महीनों के दौरान केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर 15 करोड़ रुपये खर्च कर डाले थे। आप सरकार ने केरल, कर्नाटक, ओडिशा और तमिलनाडु के अखबारों में भी विज्ञापन दिए थे। सूचना का अधिकार कानून से इसका खुलासा हुआ था।

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