मां-बाप द्वारा कूड़े में फेंकी गई छह माह की बच्ची को आईजी ने लिया गोद

Anand Mohan J

इन दिनों उत्तर प्रदेश के रामपुर में आठ महीने की अनाथ बच्ची सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय टीवी चैनलों में छाई हुई है। पिछले दिनों मुरादाबाद के हाईवे के समीप कूड़े के ढेर में मिली इस बच्ची को अब कई लोग गोद लेने के लिए आगे आए हैं। इनमें तीन बच्चों के एक पिता, दिल्ली में आईजी रैंक के सीआईएसएफ अधिकारी, केमिस्ट और मुरादाबाद के स्थानियों लोगों ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और स्थानीय पुलिस को फोन कर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है।

रिपोर्ट के अनुसार गुलाबी ड्रेस और नीला स्वेटर पहने मिली यह बच्ची अब राज्य सरकार द्वारा चल रहे रामपुर के अनाथालय में है। हालांकि अनाथालय से जुड़े अधिकारी का कहना है कि अगले दो महीना तक बच्ची को गोद नहीं लिया जा सकता है। दूसरी तरफ पुलिस अभी बच्ची के माता-पिता का पता लगाने में जुटी है। हालांकि अनाथालय ने बच्ची का नाम परी रखा है। मामले में अनाथालय के इंचार्ज राकेश ने कहा, ‘हम हर बच्ची को नाम देते हैं जो यहां आती है। यह बहुत खूबसूरत है, बिल्कुल परी जैसी दिखती है।’

परी पिछले सप्ताह कुलवारा निवासी जायदा को कूड़े के ढेर पर मिली थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई और पुलिस बच्ची को ले गई। हालांकि जायदा का कहना है कि बच्ची उन्हें मिली थी इसलिए वह उसे रखना चाहती हैं लेकिन उन्होंने उसे मुझसे ले लिया और अब पुलिस उल्टा हमसे ही सवाल कर रही है। उनका कहना है कि अगर मुझे बच्ची को गोद लेना है तो ऑनलाइन अर्जी देनी होगी।

वहीं मामले की जांच कर रही पुलिस कहना है कि अनाथालय में फोन पर किसी ने बताया कि बच्ची देहरादून की है। जबकि कुछ लोगों ने अनाथालय में फोन कर दावा किया कि वो बच्ची को माता-पिता को जानते हैं। पुलिस ने आगे कहा कि हमें सच्चाई का नहीं पता, वो फर्जी कॉल्सभी हो सकते हैं। सीडब्ल्यूसी चेयरमैन गुलजार अहमद ने बताया कि पिछले दो सालों में बच्ची को किसी ने छोड़ दिया यह इस तरह का पहला मामला है। अहमद ने कहा, ‘हमें लगा की जायदा अकेली महिला हैं जो उस बच्ची को गोद लेना चाहती हैं लेकिन हमें अभी तक 80 से ज्यादा फोन आ चुके हैं जिन्होंने बच्ची को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की है।’

 

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