उमा भारती बोलीं- पीएम नरेंद्र मोदी ने दी वजन कम करने की सलाह, अमित शाह ने कहा- मंत्री बनी रहिए
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने अपने संन्यास की खबरों से इनकार किया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वजन कम करने सलाह दी थी, जबकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें मंत्री बने रहने के लिए कहा था। उमा भारती ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मंगलवार (13 फरवरी) को अगले तीन वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रही हैं। उमा भारती ने मध्य प्रदेश के भोपाल में श्यामला हिल्स स्थित अपने बंगले पर पत्रकारों को बताया कि उन्होंने जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मई 2017 में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अपने स्वास्थ्य की वजह से अगले तीन वर्षों तक चुनाव न लड़ने की बात से अवगत करा दिया था, जबकि प्रधानमंत्री ने उनसे वजन घटाने को कहा था और पार्टी ने कहा था कि वह अपना दफ्तर संभाले रखें।
उन्होंने बताया कि उनके घुटने और कमर का दर्द अभी इतना नहीं है कि सर्जरी करानी पड़े, लेकिन वह अपनी व्यस्तता कम कर के तीन वर्षों के दौरान अपना स्वास्थ्य ठीक करेंगी। उन्होंने बताया कि वह चुनाव प्रचार के लिए उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने यह साफ किया कि उनके तीन वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा को ‘संन्यास’ न समझा जाए। उन्होंने कहा कि वह अभी बहुत बुजुर्ग नहीं हुई हैं और तीन वर्षों के बाद फिर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार होंगी। उन्होंने कहा कि वह 75 वर्ष की उम्र तक इसके लिए फिट रहेंगी। बीजेपी में चुनाव लड़ने के लिए 75 वर्ष तक की उम्र नेताओं के लिए निर्धारित मानी जाती रही है, हालांकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसे किसी मानदंड के अस्तित्व में होने से इनकार किया है।
मध्य प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उन्होंने यह तथ्य दोहराया कि 2003 के आखिर में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उत्तर प्रदेश के झांसी से सांसद उमा भारती ने कहा कि 2010 में रामजन्मभूमि का फैसला, 2014 में देश में पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार बनना और योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना उनके जीवन के सबसे खुशनुमा पल रहे। उन्होंने कहा कि व्यापमं मामले में शामिल होने का आरोप लगना उनके जीवन का सबसे ज्यादा दुख देने वाला क्षण रहा, उन्होंने इसे षडयंत्र बताया।