PNB के एक ही ब्रांच में 10,000 करोड़ का घपला, मोटे आसामी को पहुंचाया गया फायदा!

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 10,000 हजार करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) का महाघोटाला हुआ है। बैंक ने बुधवार (14 फरवरी) को एक्‍सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। बैंक ने बताया कि मुंबई के एक ब्रांच में कुछ अकाउंट होल्‍डर्स को वित्‍तीय फायदा पहुंचाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। इसमें बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत की बात भी कही गई है। इस वित्‍तीय लेनदेन के आधार पर अन्‍य बैंकों द्वारा भी आरोपी खाता धारकों को विदेशों में पैसे देने की आशंका जताई गई है। ऐसे में यह घोटाला और व्‍यापक हो सकता है। हालांकि, PNB ने अपनी फाइलिंग में आरोपियों या इसके कारण प्रभावित होने वाले अन्‍य बैंकों का खुलासा नहीं किया है। न्‍यूज एजेंसी ब्‍लूमबर्ग के अनुसार, PNB ने इससे बैंक की सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में भी जानकारी नहीं दी है। हालांकि, जांच एजेंसियों को हजारों करोड़ के फर्जी वित्‍तीय लेनदेन के बारे में सूचित कर दिया गया है।

PNB के एक ही ब्रांच में महाघोटाले की खबर ऐसे समय आई है, जब नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्‍तीय हालत पहले से ही बेहद खस्‍ता है। दूसरी तरफ, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, RBI ने तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये के लोन के रीस्‍ट्रक्‍चरिंग को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया है। PNB में हुआ यह घोटाला बैंक को पिछले साल हुए शुद्ध मुनाफे से आठ गुना ज्‍यादा है। हजारों करोड़ के फर्जीवाड़े की खबर से PNB के शेयर में रिकॉर्ड 7.5 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। यह पिछले साल अक्‍टूबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे PNB के सीईओ सुनील मेहता की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। उन्‍होंने वित्‍तीय लेनदेन में गड़बड़ी के बाद मई, 2017 में यह पद संभाला था। इस मामले में PNB और 12 अन्‍य बैंकों पर जुर्माना भी लगाया गया था।

बता दें क‍ि फरवरी के शुरुआत में हीरा व्‍यवसायी नीरव मोदी पर फर्जी दस्‍तावेज के जरिये PNB को तकरीबन 281 करोड़ का चूना लगाने का मामला सामने आया था। इसमें भी बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई थी। बैंक ने नीरव के अलावा उनके भाई, पत्‍नी और बिजनेस पार्टनर के खिलाफ शिकायत दी थी। आरोपी बैंक कर्मचारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद सीबीआई ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बैंक कर्मचारियों ने फर्जी दस्‍तावेज के आधार पर ही नीरव के पक्ष में लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्‍स जारी कर दिए थे। अभी इस मामले की गुत्‍थी सुलझी भी नहीं थी कि दूसरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

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