भाजपा शासित महाराष्ट्र में वर्जिनिटी के बारे में पढ़ेंगे बच्चे, शिवसेना बोली- शिक्षा मंत्री की यही उपलब्धि
भाजपा शासित महाराष्ट्र में जल्द ही नौनिहालों के लिए सेक्स एजुकेशन की व्यवस्था करने की तैयारी है। देवेंद्र फड़नवीस की सरकार पहली से पांचवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों के पाठ्यक्रम में नई किताब जोड़ने जा रही है। ‘न्यूज 18’ के अनुसार, इस किताब को पुणे स्थित भारतीय विचार साधना ने प्रकाशित किया है। इसका नाम ‘बाल नचिकेत’ रखा गया है। इस किताब के जरिये छात्रों को ‘वर्जिनिटी’ के बारे में भी बताया जाएगा। महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने रज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में इसको लेकर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री पर तीखी टिप्पणी की गई है। पार्टी ने लिखा, ‘यह विनोद तावड़े (शिक्षा मंत्री) की नई उपलब्धि है। छात्र परेशान हैं, शिक्षक हैरान हैं और माता-पिता क्षुब्ध हैं।’ बताया जा रहा है कि इस किताब में शामिल कहानियों को हिंदू ग्रंथों से लिया गया है। दूसरी तरफ, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने दावा किया कि इस किताब को स्कूलों के पुस्तकालयों में रखवाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘बच्चों के दिमाग पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?’ कांग्रेस नेता ने छात्रों के लिए किताबों की खरीद में अनियमितता का भी आरोप लगाया है। महाराष्ट्र सरकार सेक्स एजुकेशन के नाम पर इस किताब को स्कूलों में लाने जा रही है।.
भारत में संक्रामक बीमारियों और प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं में लगातार वृद्धि को देखते हुए देश में सेक्स एजुकेशन को अनिवार्य करने की मांग की जाती रही है। विरोध को देखते हुए इसे लागू करने में कठिनाइयां सामने आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्था यूथ कोएलिशन फॉर सेक्सुअल एंड रीप्रोडक्टिव राइट्स ने वर्ष 2016 में सेक्स एजुकेशन को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें अधिकांश स्कूलों (सरकारी और निजी) में इसकी कोई व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आई थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में इस दिशा में पहल की थी। इसके लिए एडोलसेंस एजुकेशन प्रोग्राम लाया गया था, लेकिन विभिन्न राज्यों में इसके जबर्दस्त विरोध के चलते इस पर आगे नहीं बढ़ना संभव नहीं हो सका था। यूनीसेफ की रिपोर्ट में भारत में किशोरों की अच्छी-खासी आबादी होने की बात कही गई थी। साथ ही इस रिपोर्ट में उचित जानकारी के अभाव के कारण उनमें सेक्स को लेकर कई तरह की भ्रांतियां होने की बात भी सामने आई थी।