‘आप सरकार’ का मंत्र अब जनता की जुबान पर
रुबी कुमारी
दिल्ली की जिस जनता ने गजब के उत्साह से आम आदमी पार्टी को 67 सीटों की ऐतिहासिक बहुमत से सत्ता पर बैठाया था वह जनता आज स्वीकार कर रही है कि इन तीन सालों में उसकी उम्मीदें अधूरी रहीं। हालांकि, इन अधूरी उम्मीदों का कारण अलग-अलग तबकों के लिए अलग-अलग रहा। लेकिन, लोगों से बातचीत में एक बात स्पष्ट रही कि केजरीवाल सरकार एक तबके खास कर दिहाड़ी मजदूरी वालों को यह समझाने में सफल रही है कि उसे केंद्र के इशारे पर उपराज्यपाल के माध्यम से काम नहीं करने दिया जा रहा है।
वैसे मध्यम वर्ग की धारणाओं में सरकार को लेकर काफी अलग धारणा है और वह पार्टी के अंदरूनी कलह पर भी नजर रखे हैं। केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने पर संवाददाता ने जनता के अलग-अलग तबके से बात की। आइसक्रीम बेचने वाले पटपड़गंज के मुन्ना लाल ने कहा कि केजरीवाल को लोग काम ही नहीं करने दे रहे हैं। मुन्ना लाल ने कहा, ‘उपराज्यपाल जब उनके फैसलों को मंजूर ही नहीं करेंगे तो क्या केजरीवाल अपने घर से पैसे लगाएंगे या मोहल्ला क्लीनिक के लिए जमीन देंगे? केजरीवाल को दोबारा आना चाहिए’।
वहीं पास में फूलों की दुकान लगाने वाले एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि सब कुछ तो केंद्र सरकार के अधीन है, जब वहां से पैसे ही नहीं मिलेंगे तो केजरीवाल क्या कर लेगा, उन्होंने तो अपनी नौकरी तक छोड़ दी। त्रिलोकपुरी के आसमां आॅटो चलाते हैं। उनका कहना है कि जब केजरीवाल को पूरी शक्ति नहीं है।