सूरजकुंड मेला: दस्तकारी के मेले में स्वाद के शौकीनों की मौज
अनूप चौधरी
32वें अतंरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में खाने पीने के शौकीनों के लिए बेहद शानदार जगह है। हस्तशिल्प उत्पादों के साथ देश के अलग-अलग राज्यों के पकवान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मेले में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, मुंबई, बिहार, दक्षिण भारतीय राज्यों के खान-पान परिसर मुख्य रूप से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। मेले में सोयाबीन से तैयार शाकाहारी व्यंजनों की एक बड़ी रेंज पर्यटकों के मुंह में पानी ला रहा है। सोया उत्पाद की कड़ी में वैजले ब्रांड की स्टॉल पर आने वाले पर्यटकों के लिए लजीज व्यंजन जिनमें चॉप स्टिक, कबाब, बिरयानी और सींक कबाब इत्यादि शामिल हैं। वैजले के निदेशक अमित बजाज ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में उनके उत्पाद बेहद लोकप्रिय हैं। मेला में घूमते-घूमते आप हरियाणा की रसोई में बाजरे की खिचड़ी, टीकड़ा, गोंद के लड्डू, लस्सी, सांगरी का साग का लुत्फ उठा सकते हैं। इसी तरह बिहार का लिट्टी चोखा, राजस्थानी दाल-बाटी व चूरमा, दिल्ली के मुगलई व्यंजन, दक्षिण भारत के इडली सांभर आदि व्यंजन मूड के अनुसार मेले में आपकी भूख मिटाने के साथ-साथ एक अच्छा अनुभव भी देंगे।
कुछ हल्का खाने का मन करे तो बेहतरीन वैरायटी के आयटम के जरिए अपने मूड को खुशनुमा बना सकते हैं। बॉम्बे की मशहूर भेलपुरी, गोलगप्पे, चाट, दही भल्ले, पाव भाजी आदि का जायका सूरजकुण्ड मेले में आपके आगमन को यादगार बना देगा। स्नैक्स के लिए आपको फूड कोर्ट में जाने की जरूरत नहंी है। इनके लिए मेले में जगह-जगह स्टाल लगे हुए हैं। मीठा जायका लेने के लिए हरियाणा में गोहाना का मशहूर जलेबा, खुली कढ़ाई में उबलता दूध कुल्हड़ में डालकर पीना, तिल्ले वाली कुल्फी, गाजर का हलवा आदि आपके मुंह में मिठास घोल देंगे। देसी-विदेशी फूड स्टाल पर पर्यटकों की दिनभर भारी भीड़ जमती है।
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है पर मेले में धड्डले से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी की जा रही है। जिसके बाद मेले में बिक रही चीजों पर निगरानी रखने के लिए आबकारी और कराधान अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है। खुद उप आबकारी और कराधान आयुक्त गीतांजलि मोर के नेतृत्व में अधिकारी समय-समय पर मेले में विभिन्न स्टालों का निरीक्षण भी कर रहे हैं। बावजूद इसके मेले में टैक्स चोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। मेले में आए शिल्पियों ने भी इस संबध में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया। मेले में वस्त्र स्टाल लगाने वाले बिहार से आए नवल और गुजरात से आए भीम ने बताया कि ग्राहक नकदी और पेटीएम आदि से भुगतान कर रहे हैं। डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भी कोई भुगतान कर देता है, पर जीएसटी को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
ग्राहक उनसे कोई रसीद या बिल नहीं मांग रहे हैं। अगर कोई मांगेगा तो दे देंगे। क्या किसी बिल पर जीएसटी लगाया है, तो उन्होंने कहा कि किसी पर नहीं। उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है। इसी तरह की बिक्री अन्य स्टालों पर भी होती रही। इस बारे में उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त गीतांजलि मोर ने कहा कि सुरजकुंड मेले में जीएसटी को लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग पूरी तरह सजग है। हस्तशिल्प मेले का आयोजन सूरजकुंड मेला प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है और प्राधिकरण जीएसटी एक्ट के तहत पंजीकृत है।
मेले में बुधवार को महाशिवरात्रि के साथ-साथ वेलेंनटाइंस-डे का अवसर मुख्य चौपाल पर दिनभर लाइव बैंड की प्रस्तुति ने मेले का माहौल खुशनुमा बनाए रखा। मुख्य चौपाल व आसपास में युवाओं की टोलियां दिनभर बैंड की धुनों पर थिरकती रहीं। महाशिवरात्रि के अवसर पर छुट्टी होने के कारण मेला शुरु होने के कुछ देर बाद ही मेला हाऊसफूल हो गया। तुगलकाबाद फरीदाबाद मार्ग पर सूरजकुंड मेले में उमडेÞ दर्शकों के हुजुम के कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रही और मेला परिसर में वीआइपी समेत सभी पार्किंग भरी रही। मेला की मुख्य सड़क पर लोक कलाकारों की टोलियों दिनभर ढोल नगाडों के थाप पर थिरकते युवा व युवतियां थिरकती रहीं जिससे मेले का माहौल रंगीन बना रहा। मुख्य चौपाल पर बुधवार का सबसे बड़ा आकर्षण बैंड रहा। वैलेनटाइन-डे के अवसर पर सूरजकुंड मेले में बुधवार को बड़ी संख्या में युवा वर्ग उमड़ा, लाइव बैंड की धुनों पर युवाओं की टोलियों की मस्ती देखते ही बनती थी। जमकर थिरकते युवाओं से मुख्य चौपाल का माहौल किसी कॉलेज फेस्ट के जैम सैशन की तरह बना रहा।