हिंदू नेता ने सेकुलर लेखकों से कहा- गौरी लंकेश जैसा हाल न हो, इसलिए मृत्युंजय जाप कराओ

केरल हिंदू ऐक्य वेदी के राज्य प्रमुख केपी शशिकला टीचर ने “सेकुलर लेखकों को महामृत्युंज हवन कराने” की सलाह दी है ताकि उनका हश्र गौरी लंकेश जैसा न हो। ऐक्य वेदी आरएसएस समर्थक संगठनों का साझा मंच है। पत्रकार गौरी लंकेश की छह सितंबर को बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वो गौरी लंकेश पत्रिका की संपादक थीं। वो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत तमाम दक्षिणपंथी संगठनों की कटु आलोचक थीं। आठ सितंबर को एर्नाकुलम में ऐक्य वेदी के कार्यक्रम में बोलते हुए शशिकला ने कहा कि आरएसएस उन लोगों को मारना नहीं चाहते जो उसके विरोधी हैं क्योंकि वो प्रतिरोध से ऊर्जा लेकर ही आगे बढ़ता है। शशिकला ने कहा, “ऐसी हत्याएं कर्नाटक में कांग्रेस के लिए जरूर है जो कमजोर स्थिति में है। मैं सेकुलर लेखकों से कहना चाहूंगी कि अगर वो लंबा जीवन चाहते हैं तो उन्हें महामत्युंजय हवन करना चाहिए क्योंकि ये भावी के बारे में कोई नहीं जान सकता। नहीं तो आप भी गौरी लंकेश की तरह शिकार बनोगे। ”

शशिकला ने कहा, “हिंदुत्व के विरोध के लिए कृत्रिम वजहें तैयार की जा रही हैं। संघ परिवार का विरोध होना चाहिए। आखिरकार, एक और खत्म हुआ। उसका क्या नाम था, गौरी। गौरी लंकेश….अब वो सब कह रहे हैं कि ये आरएसएस का काम है। आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। कांग्रेस सरकार को दोषियों को पकड़ना है। कहा जा रहा है कि वो आरएसएस के विरोध के कारण मारी गई।” शशिकला ने लेखकों पर आरएसएस का विरोध करने के लिए आरोप लगाते हुए कहा, “…जो लेखक आरएसएस का विरोध करते हैं उन्हें ही लेखक माना जाता है। क्या आप ऐसे लेखक का नाम बता सकते हैं जो आरएसएस का विरोधी न हो? ऐसा कोई है जो आरएसएस के विरोध में न लिखता हो? जो आरएसएस के खिलाफ लिखता है उसे ही पैसा, पुरस्कार और पहचान मिलते हैं। सौ में नब्बे लेखक ऐसे ही हैं।”

शशिकला ने कहा, “अगर आरएसएस मारना शुरू कर दे तो लेखकों का कुनबा नहीं बचेगा। जब आप आरएसएस के खिलाफ लिखना शुरू कर देते हो तो संघ परिवार समझ जाता है कि वो विकास कर रहा है।” शशिकला के बयान पर सत्ताधारी सीपीएम और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा, “ऐसी प्रवृत्तियों से हमारा समाज व्यथित होता है।” वहीं कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा, “उन्होंने केवल सेकुलर लेखकों को नहीं बल्कि देश के सेकुलर मूल्यों को चुनौती दी है।” वहीं राज्य बीजेपी के प्रवक्ता एमएस कुमार ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि “किन परिस्थितियों में” ये बयान दिया गया इसलिए इस पर टिप्पणी करना “उचित” नहीं होगा।

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