PNB फ्रॉड: 124 साल पहले यहां खुली थी पहली शाखा, जानिए कैसे बना देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का महाघोटाला चर्चा में है। इसमें अब तक बैंक के 18 अधिकारी भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। पीएनबी में 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद ऐसा हुआ है। क्या आपको पता है कि इस बैंक की शुरूआत कहां से हई थी और किसने की थी? चलिए हम बताते हैं। पीएनबी की शुरुआत लाहौर से 12 अप्रैल सन 1895 को हुई थी। उस समय पाकिस्तान नहीं था। लाहौर भी भारत का ही हिस्सा था। 19 मई 1894 को लाहौर के अनारकली बाजार में इसके हैड ऑफिस के साथ रजिस्टर कराया गया था। इसके बाद सन 1900 में पहली बार लाहौर के बाहर इसकी ब्रांच कराची-पेशावर में खोली गई थी।
1940 तक भारत में भगवान दास बैंक भी था, जिसका 1940 में पंजाब नेशनल बैंक में मर्जर हो गया। पीएनबी को अपना रजिस्टर्ड ऑफिस खोना पड़ा। इसके बाद 31 मार्च 1947 को लाहौर हाईकोर्ट से पीएनबी को दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराने की मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद 1952 में इसने भारत बैंक को टैकओवर कर लिया। इसके बाद 1969 में 13 और बैंकों के साथ इसका राष्ट्रीयकरण हुआ। धीरे धीरे यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया। ब्रिटेन में भी पीएनबी का बैंकिंग सहायक उपक्रम है। इसके अलावा हांगकांग और काबुल में भी शाखाएं हैं।
पीएनबी के संस्थापकों में लाला लाजपत राय भी शामिल थे। इनके अलावा इसके संस्थापकों में दयाल सिंह मजीठिया, लाला हरकिशन लाल, लाला डोलन दास, जयशी राम बक्शी, प्रभु दयाल, ईसी जेस्सावाला, काली प्रसन्न राय शामिल थे। जब पीएनबी की स्थापना की गई थी तब संस्थापकों ने बहुत ही कम शेयर अपने पास रखे थे। यह पहला ऐसा बैंक है जिसने पूरी तरह से भारतीय पैसे के साथ शुरुआत की थी।
अभी पंजाब नेशनल बैंक 764 शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। पीएनबी के 10 करोड़ से भी ज्यादा कस्टमर हैं। इसमें 70 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। इसकी 6,941 शाखाएं हैं। बैंक के करीब 10,700 एटीएम हैं। पीएनबी को नेशनल ट्रेनिंग अवॉर्ड 2011 मिला था। इसके अलावा 2013 में फोर्ब्स ग्लोबल ने पीएनबी को दुनिया भर में 717 वीं रैंक दी थी।