हिमाचल प्रदेश में कॉलेज के टीचर ने छात्रा से परिसर में ही किया बलात्कार, गुस्साए छात्रों ने की फांसी देने की मांग
हिमाचल प्रदेश में छात्रा के साथ रेप का एक और मामला सामने आया है। इस बार हमीरपुर में स्थित एक निजी कॉलेज के टीचर पर नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है। बड़ी तादाद में छात्राें ने सड़क पर उतर कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आक्रोशित छात्रों ने तो आरोपी को फांसी देने की मांग की है। शुक्रवार (16 फरवरी) को हमीरपुर कॉलेज के प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने पुलिस, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे प्रदेश को शर्मसार होना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं करती है तो सड़क पर उतरने के बाद विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा। इस घटना से गुस्साई छात्राओं ने कहा कि दुष्कर्म के कारण गुरु और शिष्य का रिश्ता तार-तार हो गया है। अगर इसी तरह से बलात्कार की घटनाएं होती रहेंगी तो कोई भी लड़की सुरक्षित नहीं रहेगी। बता दें कि कोटखई दुष्कर्म कांड को लेकर पूरे हिमाचल प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन हुए थे। राजनीतिक दलों के इसमें शामिल होने से स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हो गई थी।
गौतम कॉलेज का है मामला: छात्रा के साथ दुष्कर्म का नया मामला हमीरपुर में स्थित गौतम कॉलेज का है। इस निजी कॉलेज के कैमेस्ट्री के टीचर पर आरोप है कि उसने छात्रा को कमरे में बुलाया और उससे रेप किया। फिलहाल पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं। पीड़िता बीएससी में पढ़ती है। छात्रा द्वारा परिजनों को इस घटना की जानकारी देने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। आरोपी की जमकर पिटाई भी की गई। ‘न्यूज 18’ की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा हॉस्टल में रहती है और कुछ साल से हमीरपुर में रह कर पढ़ाई कर रही है। आरोपी टीचर पर लंबे समय से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है। स्थानीय पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
कोटखई सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड से हिल गया था राज्य: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कोटखई इलाके में एक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए थे। दबाव बढ़ने पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी की पुलिस हिरासत में ही हत्या कर दी गई थी। बाद में इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। जांच एजेंसी ने एक आईजी समेत आठ पुलिसवालों को गिरफ्तार किया था। इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया था। उस वक्त विपक्ष की भूमिका निभाने वाली भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था।