नोटबंदी-जीएसटी का दक्षिण अफ्रीका के पर्यटन पर बुरा असर, 10 फीसदी घट गए पर्यटक
भारत में नोटबंदी तथा माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के कार्यान्वयन का असर पिछले साल यहां से दक्षिण अफ्रीका जाने वाले पर्यटकों की संख्या पर पड़ा। साउथ अफ्रीकन टूरिज्म की कार्यकारी प्रमुख हब अल्पा जानी कहा, “भारत सरकार की दो पहलों नोटबंदी व (कराधान) जीएसटी का असर पिछले साल यहां से दक्षिण अफ्रीका जाने वाले पर्यटकों पर पड़ा। अपेक्षाकृत काफी कम संख्या में लोग वहां गए और पर्यटन उद्योग अपने लक्ष्य को नहीं छू पाया।” उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2017 में भारत से एक लाख पर्यटकों की उम्मीद थी लेकिन नवंबर 2017 तक यह संख्या 89,872 रही। समूचे कैलेंडर वर्ष में यह संख्या 96000 के आसपास रहने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साउथ अफ्रीका टूरिज्म भारत के पांच शहरों में रोड शो आयोजित कर रहा है। यह रोड शो मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु में हो चुका है, दिल्ली में चल रहा है जबकि इसके बाद अहमदाबाद में होगा। दक्षिण अफ्रीकी पर्यटन उद्योग का 60 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल इस रोड शो के लिए भारत में है। जानी ने कहा कि इसके तहत केपटाउन, डरबन व जोहानिसबर्ग जैसे चर्चित बड़े शहरों के साथ-साथ प्लेटनबर्ग बे, पोर्ट एलिजाबेथ व ड्रेकनसबर्ग जैसे गैर महानगरों में पर्यटन संभावनाओं के बारे में भी प्रचार प्रसार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी पर्यटन के लिए भारत आठवां सबसे बड़ा बाजार है। जहां युवा जनसंख्या व उनकी खर्च योग्य आय में बढ़ोत्तरी को देखते हुए बड़ी संभावनाएं हैं। वहीं दूसरी तरफ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश की हर संस्था पर कब्जे की कोशिश का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि संघ परिवार के एक खास विचारक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी का विचार दिया था। राहुल ने कहा था, ‘‘आपको पता है कि नोटबंदी का विचार कहां से आया? आपको पता है कि नोटबंदी का विचार प्रधानमंत्री को किसने दिया? आरबीआई ने नहीं, अरुण जेटली (वित्त मंत्री) ने नहीं, वित्त मंत्रालय के किसी अधिकारी ने भी नहीं। आरएसएस के एक खास विचारक ने यह विचार दिया।’’