नीरव मोदी पर छापे: PNB के पूर्व डिप्टी मैनेजर समेत 3 गिरफ्तार, मिले सुराग- नेताओं ने कैश खरीदे हीरे जवाहरात
सीबीआई ने 11,400 करोड़ रुपये के कथित फर्जी लेन-देन के मामले में पंजाब नेशनल बैंक के दो अधिकारियों और अरबपति नीरव मोदी की कंपनी के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने मोदी, उसकी कंपनियों और रिश्तेदार मेहुल चोकसी के खिलाफ 31 जनवरी को दर्ज की गई अपनी प्राथमिकी के संबंध में तत्कालीन उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी (अब सेवानिवृत्त), एकल खिड़की संचालक मनोज खराट और हेमंत भट्ट को हिरासत में लिया है। इस प्राथमिकी में करीब 280 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन के आठ मामले दर्ज हैं लेकिन बैंक से आगे प्राप्त हुई शिकायतों के आधार पर सीबीआई ने कहा है कि पहली प्राथमिकी में अब करीब 6,498 करोड़ रुपये की राशि की जांच की जाएगी जो शेट्टी और खराट द्वारा कथित तौर पर फर्जी तरीके से 150 साख पत्र (लेओयू) जारी करने से जुड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि गीतांजलि कंपनी समूह के लिए जारी किए गए करीब 4,886 करोड़ रुपये के शेष 150 साखपत्र दूसरी प्राथमिकी का हिस्सा हैं। यह दूसरी प्राथमिकी चोकसी और उसकी कंपनियां गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र ब्रांड्स और गिली के खिलाफ कल दर्ज की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि ये सभी साखपत्र वर्ष 2017-18 के दौरान जारी या नवीकृत किए गए हैं।
सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार (16 फरवरी) को नयी एफआईआर दायर की थी। इस FIR में 16 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसमें गीतांजलि ग्रुप के प्रमोटर मेहुल चोकसी, जो कि रिश्ते में नीरव मोदी का मामा लगता है, पीएनबी के दो अधिकारी शामिल थे। सीबीआई ने FIR के जरिये आरोप लगाया है कि चोकसी और उसकी तीन कंपनियां गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड ने पीएनबी को 4,886.72 करोड़ का चूना 2017-18 में लगाया था। इसके लिए कंपनी ने बैंक से 143 लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoU) जारी करवाए थे।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय देश भर में मेहुल चोकसी के ठिकानों और दुकानों पर छापा मार रही है। ईडी ने आज पटना, कोलकाता में मेहुल चोकसी के गीतांजलि जेम्स स्टोर पर छापा मारा है। सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों को साख पत्र जारी करने में बैंक के अधिकारियों के रोल का पता लगा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गोकुलनाथ शेट्टी और सिंगल विंडो ऑपरेटर खरात ने चोकसी की कंपनियों द्वारा जारी किये (LoU) को जानबूझकर कोर बैंकिंग सिस्टम में एंट्री नहीं की थी, ताकि बैंक अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी ही ना हो पाए।
इधर जानकारी मिली है कि नीरव मोदी की दुकान से कई सिलेब्रिटीज और नेता कैश में ही हीरे जवाहरात खरीदा करते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस लिस्ट में बॉलीवुड की कई हस्तियां और नेता शामिल हैं। बता दें कि नोटबंदी के बाद जब सरकार की सख्ती हुई तो कई नामी-गिरामी लोगों ने ज्वैलरी खरीदने में नकदी का इस्तेमाल किया। यहां ये लोग कहने के लिए कुछ भुगतान कार्ड या चेक के जरिये करते थे जबकि ज्यादा भुगतान नकद किया जाता था। हालांकि इस वक्त जांच एजेंसियों का फोकस तो नीरव मोदी और उनकी कंपनियां हैं, लेकिन भविष्य में इस आंकड़ों का इस्तेमाल नेताओं और सितारों के घर छापेमारी के लिए कर सकते हैं। आयकर अधिकारी टैक्स चोरी के मामलों में किसी के यहां भी छापा मारने से पहले मजबूत सबूत तैयार करते हैं। ऐसे में डेटा जांच एजेंसियों के लिए अहम हो सकते हैं। जांच एजेंसियों ने इन्ही डेटा के आधार पर पिछले दिनों लगभग 50 जगहों पर छापामारी कर चुकी है।