गुजरात में एक 36 वर्षीय आदिवासी महिला पर जुल्म, खूंटे में बांध की गई पिटाई
कमल सैय्यद
गुजरात में दलित कार्यकर्ता द्वारा डीएम ऑफिस के सामने आत्मदाह करने के बाद अब आदिवासी महिला पर जुल्म होने की खबर सामने आई है। यहां नर्मदा जिले के एक गांव में 36 वर्षीय आदिवासी महिला को खूंटे से बांधकर उसकी पिटाई की गई है। महिला को उसके घर के सामने ही जहां मवेशियों को बांधा जाता है, उसी स्थान पर शुक्रवार की सुबह बांधकर करीब पांच घंटे तक पीटा गया है। महिला की पिटाई के पीछे का कारण उसका बेटा है। उसका बेटा कुछ महीनों पहले उसी गांव की एक महिला के साथ भाग गया है। यह घटना नर्मदा जिले के नंडोड तालुका के बिटाडा गांव की है। पीड़ित महिला का नाम बुचीबेन वसावा है। बुचीबेन को महिला हेल्पलाइन टीम ने आकर बचाया।
बुचीबेन का 22 वर्षीय बेटा कल्पेश वसावा अंकलेश्वर जीआईडीसी में एक निजी कंपनी में काम करता है। उसके साथ उसी कंपनी में उसी गांव की 20 वर्षीय एक लड़की भी काम करती है। दोनों गांव से साथ में अंकलेश्वर तक जाते थे, उसी दौरान दोनों में अच्छी दोस्ती हुई और अफेयर हो गया। लड़की के परिवार वालों ने कल्पेश के साथ उसके संबंध को स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद दोनों ने कुछ महीनों पहले जम्बुसार कोर्ट में शादी कर ली। शादी के बाद दोनों दूसरे गांव में रहने लग गए। कुछ दिनों बाद लड़की के माता-पिता ने कल्पेश के माता-पिता पर 2.5 लाख रुपए उन्हें देने का दबाव बनाया।
कल्पेश के परिवार की ओर से जब पैसे नहीं दिए गए तब लड़की के परिवार वाले अपने कुछ साथियों के साथ शुक्रवार को उन लोगों के घर पहुंचे। उन्होंने कल्पेश के पिता महेश की जमकर पिटाई की। महेश खुद को बचाकर और अपनी पत्नी को घर में अकेला छोड़कर भागने में कामयाब हो गया। महेश के भागने के बाद बुचीबेन अकेले रह गई। लड़की के परिवार वालों ने मौका देखकर बुचीबेन को घर से खींचते हुए बाहर निकाला और उसे खूंटे से बांधकर उसकी पिटाई की। इतना ही नहीं उन्होंने गांव के अन्य लोगों को मामले में दखल न देने की भी धमकी दी।
गांव के सरपंच शैलेश वसावा ने बताया कि जिस वक्त कल्पेश के माता-पिता को पीटा जा रहा था वह खुद उस वक्त गांव से बाहर थे। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल मामले को शांत कर दिया गया है। पुलिस के सामने लड़की के माता-पिता ने कल्पेश के परिवार को परेशान न करने पर सहमति दे दी है। सरपंच ने बताया कि अब कल्पेश और उसकी पत्नी को गांव वापस लाने की कोशिश की जा रही है। वहीं आपको बता दें कि महिला हेल्पलाइन नंबर पर गांव की ही एक महिला ने फोन करके इस मामले की जानकारी दी थी। जानकारी मिलने के बाद महिला हेल्पलाइन की टीम गांव पहुंची और बुचीबेन को बचाया।