मणिपुर: स्कूल के औचक निरिक्षण पर पहुंचे शिक्षा मंत्री, क्लास में बच्चों की जगह मिलीं बकरियां

मणिपुर के शिक्षा मंत्री टी राधेश्याम ने शनिवार (17 फरवरी) को बताया कि एक औचक निरीक्षण के दौरान उन्हें इंफाल के खेलाखोंग के एक स्कूल के दो कमरों में बच्चों की जगह बकरियां मिलीं। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक राधेश्याम ने बताया कि वहां कोई विधार्थी नहीं थे, जबकि स्कूल अथॉरिटी की तरफ से बताया गया था कि वहां अच्छी संख्या में विद्यार्थी पढ़ते हैं। स्कूल ने झूठा दावा किया था, बच्चों की अच्छी संख्या बताकर सरकार से नियमित तौर पर मिड-डे मील, किताबें और यूनीफॉर्म लेने के इरादे से ऐसा किया गया। राधेश्याम ने शनिवार को मायांग इंफाल और वाबागई विधानसभा क्षेत्रों के कुछ स्कूलों में औचक निरीक्षण किया था।

राधेश्याम ने कहा- ”यह बहुत ही शर्मनाक था कि कुछ स्कूलों में बच्चे नहीं थे और कुछ स्कूलों की इमारतें ठीक नहीं थीं। अगर स्कूलों की पुरानी इमारतें ठीक नहीं की गईं तो नई इमारतें बनानी पड़ेंगी।” उन्होंने आगे कहा- ”कुछ स्कूलों में बच्चे नहीं थे और कुछ में अध्यापक भी उपस्थित नहीं थे। बच्चों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने पर अध्यापकों को निलंबित किया जाएगा।”

स्थानीय लोगों ने राधेश्याम को बताया कि पांच साल पहले पहले खेलाखोंग के स्कूल में 200 बच्चे थे, जबकि दूसरे स्कूल ने दावा किया था कि उसके यहां 32 बच्चे थे। हालांकि राधेश्याम को वहां 2 ही बच्चे मिले। एक स्कूल ने 72 बच्चे होने का दावा किया था, लेकिन वहां 16 बच्चे मिले। स्कूल के हेडमास्टर ने राघेश्याम को बताया था कि उसके अलावा स्कूल में दो और अध्यापक हैं, जबकि निरीक्षण के दौरान वहां एक भी अध्यापक नहीं दिखाई दिया।

जब हेडमास्टर के दावों की दाल नहीं गली तो उसने राधेश्याम को बताया कि अध्यापक कुछ काम से गए हुए हैं। हालांकि इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होकर मंत्री ने कहा कि गैर मौजूद अध्यापकों और स्कूल अथॉरिटी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने बताया कि एक और स्कूल में 8 अध्यापक और केवल 45 बच्चे थे, वे मिड-डे मील और दूसरी सुविधाएं नियमित तौर पर उठाते रहे।

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