त्रिपुरा विधानसभा चुनाव: 78 फीसद मतदान, पिछले विधानसभा चुनाव के 91.82 फीसद मतदान से कम है आंकड़ा

त्रिपुरा में रविवार रात 9 बजे तक विधानसभा चुनाव में 78 फीसद मतदान हुआ। यह आंकड़ा पिछले विधानसभा चुनाव के 91.82 फीसद मतदान से 17 फीसद कम है। विधानसभा की कुल 60 सीटों में से 59 पर मतदान कराया गया। चारिलाम विधानसभा क्षेत्र में पिछले हफ्ते माकपा उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब वर्मा की मौत हो जाने के कारण मतदान रद्द कर दिया गया। इस निर्वाचन क्षेत्र में 12 मार्च को वोट डाले जाएंगे। राज्य में 25 साल से वाममोर्चा सत्ता पर काबिज है। पिछले चुनाव में माकपा को 49 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं। भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई थी और पार्टी के 49 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार राज्य में 74 फीसद मतदाताओं ने वोट डाला। त्रिपुरा के अतिरिक्त चुनाव अधिकारी तापस राय के मुताबिक राज्य में मतदान के दौरान हिंसा की कोई घटना नहीं बाकी पेज 8 पर हुई। मतदान का आखिरी समय शाम चार बजे था। हालांकि इसके बाद भी कई मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गर्इं। कतार में सभी को मतदान करने की इजाजत दी गई।

पूर्वोत्तर के इस राज्य में वाम शासन का 25 साल पुराना गढ़ ढहाने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जैसे पार्टी के दिग्गज खुद ही इस अभियान के अगुआ हैं। भाजपा ने 51 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं। उसने इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट आॅफ त्रिपुरा (आइपीएफटी) से चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। बाकी नौ सीटों पर वामविरोधी आइपीएफटी ने अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। प्रदेश में 25,73,413 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 12,68,027 महिलाएं हैं।

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गए। इन चुनावों में कुल 307 उम्मीदवार दौड़ में हैं। माकपा 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि अन्य वामपंथी दल आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा ने एक-एक सीट पर उम्मीदवारी दर्ज कराई है। कांग्रेस ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। मतों की गिनती तीन मार्च को होगी। त्रिपुरा में चुनाव में पहली बार वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया। ईवीएम में अपने पसंदीदा उम्मीदवार के निशान के आगे बटन दबाकर मतदाताओं को अपने वोट का सत्यापन करने के लिए वीवीपैट से पर्ची निकाल कर भी दिखाई गई। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान के दौरा काफी संख्या में ईवीएम खराब होने की सूचना मिली थी, लेकिन जब मौके पर जाकर देखा गया तो ज्यादातर सूचनाएं गलत थीं। कुछ जगहों पर ईवीएम में खराबी आई, जिन्हें फौरन बदल दिया गया।

त्रिपुरा के पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। इस बार भाजपा ने पूरी ताकत लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां प्रचार किया है। उन्होंने राज्य में चार रैलियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेताओं ने भी पार्टी के लिए प्रचार किया।

भाजपा ने मुख्यमंत्री माणिक सरकार को उनके घर में ही चुनौती दी है। त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले का धनपुर विधानसभा क्षेत्र दोनों के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। यह विधानसभा क्षेत्र बांग्लादेश से सटा है और यह मुख्यमंत्री माणिक सरकार का घरेलू चुनावी मैदान है। मुख्यमंत्री इस बार चुनाव में लगातार पांचवीं बार यहां से जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं। भाजपा ने यहां से राज्य महासचिव प्रतिमा भौमिक को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह दूसरी बार है जब प्रतिमा ने माणिक सरकार को चुनौती दी है। उन्होंने साल 1998 में यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गर्इं। कांग्रेस ने यहां पूर्व मंत्री लक्ष्मी नाग को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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