पीएनबी घोटालाः मुखौटा कंपनियों के जरिए विदेश भेजे पैसे

पंजाब नेशनल बैंक-नीरव मोदी घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग की टीमों की छापेमारी जारी है। रविवार को नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी के देशभर के 15 शहरों में फैले कुल 47 ठिकानों की तलाशी ली गई। कुल 29 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया गया है और 105 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाई गई है। छापों में करोड़ों रुपए के आभूषण और जवाहरात बरामद किए गए हैं और दोनों की दो सौ से ज्यादा मुखौटा कंपनियों के बारे में दस्तावेज जांच एजंसियों के हाथ लगे हैं। इस बीच, घोटाला मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों ने अहम राज उगले हैं। जांच एजंसियों ने अपनी छानबीन की जद में उन बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी लिया है, जिनके जरिए जारी साखपत्र (लेटर आॅफ अंटरटेकिंग या एलओयू) भुनाए गए थे। इस बीच, सीबीआइ ने इंटरपोल के जरिए दुनिया भर के सभी हवाई अड्डों को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बारे में सतर्क किया है।

ईडी के अधिकारियों के अनुसार, ‘आयकर विभाग ने नीरव मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों की जिन 29 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है, उनकी जांच की जा रही है। धनशोधन निरोधक कानून के तहत जल्द ही कई और संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा।’ ईडी और आयकर विभाग ने मामले की जांच के लिए विशेष दलों का गठन किया था। ईडी ने अब तक मामले में 5674 करोड़ रुपए के हीरे, सोने के जेवर और बेशकीमती रत्न जब्त करने का दावा किया है। रविवार को दिल्ली-गुड़गांव समेत एनसीआर में छह जगहों पर छापे डाले गए। ईडी ने दिल्ली के साकेत मॉल, वसंत कुंज और रोहिणी इलाके में भी छापेमारी की है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत राज्य के पांच शहरों में छापे मारे गए। लखनऊ के चार शो रूम से 1.5 करोड़ की कीमत के गहने सील किए गए हैं। मेहुल चौकसी की उत्तर प्रदेश के कई शहरों में फ्रेंचाइजी है। लखनऊ के अलावा कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और झांसी में आधा दर्जन से ज्यादा शो रूम से बरामद किए गए गहनों और दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है।

इस बीच, साखपत्र के जरिए हुए घोटाले में जांच एजंसियों ने जुड़े अन्य बैंकों के अधिकारियों को भी रडार पर ले लिया है। जिन बैंकों की विदेशी शाखाओं से पीएनबी के धोखाधड़ी वाले साख पत्रों (एलओयू) के जरिए कर्ज दिया गया, उनके अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गए हैं। भारतीय बैंकों- इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक और एक्सिस बैंक की हांगकांग शाखाओं के अधिकारियों की गतिविधियों के पिछले सात साल के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।

दिशानिर्देशों के अनुसार रत्न व आभूषण क्षेत्र के एलओयू को भुनाने की समयसीमा 90 दिन है, 365 दिन नहीं- जैसा कि पीएनबी घोटाले से जुड़े ज्यादातर एलओयू में दिखाया गया है। जारी एलओयू के मामले में इसका पालन नहीं किया गया। हांगकांग में 11 भारतीय बैंकों का परिचालन किया जाता है।
हांगकांग में इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया, एक्सिस बैंक, एसबीआइ, बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखाएं हैं। जांच व प्रवर्तन एजंसियों को इन बैंकों ने ब्योरा भेजा है। एसबीआइ ने बताया है कि पीएनबी घोटाले में शामिल नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों को 21.2 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। यूनियन बैंक आफ इंडिया ने 30 करोड़ डॉलर और यूको बैंक ने 41.18 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। इलाहाबाद बैंक के 2,000 करोड़ रुपए फंसे हैं।

गिरफ्तार लोगों ने किए खुलासे

इस मामले में गिरफ्तार किए गए पीएनबी के पूर्व कर्मचारी गोकुलदास शेट्टी ने सीबीआई पूछताछ में खुलासा किया है कि उसे एलओयू (लेटर आॅफ अंडरटेकिंग) जारी करने के बदले रिश्वत मिलती थी। एलओयू की राशि के आधार पर रिश्वत का फीसद तय था। सभी बैंक अधिकारियों को उनका हिस्सा मिलता था। गोकुलनाथ शेट्टी वही अधिकारी है, जिसने साखपत्र जारी किए थे। उसने जिन अधिकारियों के नाम लिए हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि पीएनबी-नीरव मोदी घोटाला मामले में सीबीआई ने गोकुलनाथ शेट्टी के अलावा एकल खिड़की संचालक मनोज खरात और नीरव मोदी की कंपनियों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट्ट को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों को अदालत ने तीन मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में सौंपा है।

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