नेपाल के पीएम बोले- भारत से और लाभ उठाने के लिए चीन से गहरा करना चाहते हैं रिश्ता

नेपाल के नए प्रधानमंत्री के पी ओली ने कहा है कि वह और अधिक विकल्पों को पाने और भारत के साथ संबंधों में और अधिक लाभ उठाने के लिए चीन के साथ अपने रिश्तों को और गहरा बनाना चाहते हैं। ओली को चीन समर्थक माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि समय के साथ चलते हुए वह भारत के साथ अपने संबंधों में बदलाव करना चाहते हैं। उन्होंने भारत-नेपाल संबंधों के सभी विशेष प्रावधानों की पुन:समीक्षा का पक्ष लिया जिसमें भारतीय सैन्य बलों में नेपाली सैनिकों के सेवा देने की लंबी परंपरा भी शामिल है।

उन्होंने हांग कांग साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत के साथ जबरदस्त संपर्क और खुली सीमा है। यह सब अच्छा है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे दो पड़ोसी हैं। हम केवल एक देश पर निर्भर रहकर या केवल एक विकल्प के साथ नहीं रहना चाहते।’’ भारत के साथ संबंधों के बारे में उन्होने कहा, “भारत के साथ हमारे हमेशा अच्छे रिश्ते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत सरकार में कुछ ऐसे तत्व हैं जो गलतफहमी पैदा करते हैं लेकिन भारतीय नेतृत्व ने हमें आश्वासन दिया है कि भविष्य में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और हम एक-दूसरे के संप्रभु अधिकारों की रक्षा करेंगे। दूसरी तरफ, नेपाल की पहली संघीय संसदीय बैठक अगले महीने की शुरुआत में आयोजित होगी। 2015 में अपनाए गए नए संविधान को लागू करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली वाली संघीय संसद का पहला सत्र नया बनेश्वर के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र में पांच मार्च को आयोजित होगा। इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति भंडारी ने संविधान के अनुच्छेद 93 (1) के अनुसार पांच मार्च को बैठक बुलाई है। बैठक नया बनेश्वर स्थित संसदीय इमारत में आयोजित होगी। उन्होंने 15 फरवरी को शपथ लेने वाले प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सिफारिश पर बैठक बुलाई है। नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव नौ मार्च को होना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *