महाराष्‍ट्र: इस व्‍यक्ति का आठ महीने तक नहीं बन सका आधार कार्ड, कारण जान हैरान रह जाएंगे आप!

केंद्र सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और अन्‍य दस्‍तावेजी काम को पूरा करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर रही है। ऐसे में हर नागरिक के पास आधार नंबर होना जरूरी है। लेकिन, महाराष्‍ट्र के नासिक के गांधीनगर निवासी एक व्‍यक्ति को आधार कार्ड के लिए पंजीकरण कराने में अजीबोगरीब समस्‍या का सामना करना पड़ा। इसके कारण आठ महीनों तक उनका आधार कार्ड नहीं बन सका था। दरअसल, गुरुदयाल दिलबगरई त्रिखा के हाथों में 10 के बजाय 11 अंगुलियां हैं। उनके बाएं हाथ के अंगूठे से जुड़ी अंगुली ऊपर की ओर निकली हुई है, ऐसे में फिंगर स्‍कैनर में उनका अंगूठा स्‍कैन नहीं हो पा रहा था। महीनों की कोशिश के बाद भी जब त्रिखा कामयाब नहीं हुए तो उन्‍होंने वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारियों को अपनी परेशनियों से अवगत कराया। इसके बावजूद उनकी समस्‍या जस की तस बनी रही। इसके कारण उन्‍हें कागजी काम करने में भी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा। स्‍थानीय मीडिया में गुरुदयाल त्रिखा की समस्‍या से जुड़ी खबरें आने के बाद वरिष्‍ठ अधिकारी जागे। इसके बाद कहीं जाकर उनकी समस्‍या दूर हुई।

गुरुदयाल त्रिखा महीनों तक एक के बाद दूसरे रजिस्‍ट्रेशन सेंटर का चक्‍कर काटते रहे, लेकिन कहीं भी उनकी दिक्‍कतों का समाधान नहीं हुआ। आधार नंबर हासिल करने के लिए दोनों हाथों की सभी अंगुलियों का फिंगर प्रिंट अनिवार्य है। इसके बाद ही बायोमीट्रिक प्रक्रिया पूरी होती है। त्रिखा ने बताया कि देशभर में बड़ी संख्‍या में उनके जैसे लोग होंगे जो शारीरिक समस्‍याओं से जूझ रहे होंगे। उनके अनुसार, सरकार को ऐसे लोगों हितों का खयाल रखते हुए नियमों में कुछ ढील देनी चाहिए, ताकि वे लोग भी आधार कार्ड के लिए पंजीकरण करा सकें। निजी कंपनी में काम करने वाले त्रिखा ने दिव्‍यांगों और बुजुर्गों के लिए नियमों में बदलाव करने की भी मांग की है। बता दें कि 12 अंकों वाले आधार नंबर को धीरे-धीरे सभी सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी किया जा रहा है। इसके लिए देशभर में रजिस्‍ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं, जहां लोग अपना बायोमीट्रिक ब्‍यौरा देकर आधार नंबर हासिल कर सकते हैं। बता दें कि हाल में ही आधार डाटा के लीक होने की खबरें आई थीं। इसके बाद भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सुरक्षा को लेकर कुछ और उपाय किए हैं। आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।

 

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