NADA ने पांच खिलाड़ियों को पाया डोपिंग का दोषी, अस्थायी तौर पर किया निलंबित
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने गोला फेंक के एथलीट इंदरजीत सिंह के मामले की सुनवाई फिर से स्थगित कर दी तथा पांच अन्य खिलाड़ियों को डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने पर अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया। इंदरजीत का मूत्र का नमूना पॉजीटिव पाया गया था और इसके बाद उन्हें रियो ओलंपिक में भाग लेने से रोक दिया गया था। उनका ‘बी’ नमूना भी पॉजीटिव रहा था। नाडा ने पिछले महीने 404 डोप परीक्षण किए तथा पहलवान भगवान (72 किग्रा), अमित (74 किग्रा), मुक्केबाज लक्ष्य चाहर (80 किग्रा) और दो एथलीटों नीलम कुमारी (100 मीटर बाधा दौड़) और सौरभ सिंह (100 मीटर) को अस्थायी निलंबित किया गया।
नाडा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘नाडा के डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाए गए खिलाड़ियों को डोपिंग रोधी पैनल के सामने अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया।’’ अक्टूबर में अखिल भारतीय पुलिस कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने मूत्र का नमूना नहीं देने वाले राष्ट्रीय स्तर के पहलवान सुमित सहरावत के मामले की सुनवाई भी स्थगित कर दी गई है। नाडा के अनुसार पिछले महीने पावरलिफ्टर सरिता रानी और वंदना दुबे के मामले की सुनवाई भी स्थगित कर दी गई थी।
वहीं दूसरी तरफ, स्लोवेनिया के आइस हॉकी खिलाड़ी जिगा जेगलिक ड्रग परीक्षण में नाकाम रहे और उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वह प्योंगचांग ओलंपिक में डोपिंग में नाकाम रहने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। खेल पंचाट (सीएएस) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सीएएस ने अपने बयान में कहा कि जेगलिक का परीक्षण प्रतिबंधित फेनोटेरोल के उपयोग के लिए पॉजीटिव पाया गया।
इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर खेल गांव छोड़ने के लिए कहा गया। फेनोटेरोल को सांस संबंधी बीमारी के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। सीएएस ने कहा ‘‘जेगलिक ने डोपिंगरोधी नियमों के उल्लंघन को स्वीकार कर दिया है और उन्हें वर्तमान शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बाकी मैचों से निलंबित कर दिया गया है।’’