बीजेपी प्रत्याशी की पहली पत्नी ने वीडियो डालकर प्रत्रारित करने का लगाया आरोप, वीडियो हुआ तेज़ी से वायरल
उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल विवादों में घिर गए हैं।उनकी पहली पत्नी रीतू सिंह ने कौशलेंद्र और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कैमरे पर बोलते हुए रीतू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ मुहिम की बात करते हैं, ऐसे में बेटी पैदा होने पर पत्नी को सताकर दूसरी शादी करने वाले शख्स को तो अपनी पार्टी में न रखें। रीतू का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह आंखों में आंसू लिए हुए ससुराल में अपने ऊपर हुए कथित जुल्मोसितम, गलत तरीके से तलाक और पति की दूसरी शादी पर बात करते दिख रहीं हैं।
‘ईटीवी भारत यूपी’ से बातचीत में रीतू सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र व उनके परिवार पर संगीन आरोप लगाए। कहा कि, ‘बेटी पैदा होने पर ससुरालवाले परेशान करने लगे। पिटाई करते थे। बेटी के रोने पर आसपास के लोगों को पता न चले, इस नाते प्रताड़ित करने से पहले बेटी को ससुराल के लोग छीनकर दूसरे कमरे में लेकर चले जाते थे।’ रीतू ने कहा कि बेटी के जन्म के बाद लगातार तबीयत खराब रहने लगी तो वह मायके आ गईं। तीन महीने बाद पता चला कि पति कौशलेंद्र ने दूसरी शादी रचा ली है। बाद में गलत ढंग से तलाक भी दे दिया। यही नहीं जब बेटी बड़ी हुई तो उस पर भी खूब दबाव डालकर परेशान करने लगे। चार से पांच बार हाईकोर्ट में पेशी कराकर उन्होंने परेशान किया। उसे अपने पास बुलाने लगे। मगर बेटी नहीं गई।
बार-बार पड़ रहे दबाव के कारण बेटी इतना परेशान हुई कि वह बनारस छोड़कर दिल्ली शिफ्ट हो गई। रीतू सिंह ने कहा,’ससुरालवालों ने उनकी इज्जत भी उछालने की कोशिश की। जबकि पति ने दूसरी शादी कर ली, हमने नहीं। अगर मैं गलत होती तो दूसरी शादी कर चुकी होती।’ रीतू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं। जबकि बेटी पैदा होने पर यह सजा मिलती है। कम से कम प्रधानमंत्री जी ऐसे लोगों को तो अपनी पार्टी में न रखें। बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। 2014 में पहली बार इस सीट पर उन्होंने भाजपा का खाता खोला था। पटेल बाहुल्य इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने इसी जाति से ताल्लुक रखने वाले कौशलेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है। 41 साल के कौशलेंद्र बनारस के सबसे कम उम्र के मेयर रह चुके हैं। 2006 से 2012 के बीच मेयर रहे कौशलेंद्र ने 2014 में लोकसभा और 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा था, मगर सफलता नहीं मिली थी। अब जाकर पार्टी ने उन्हें उपचुनाव में मैदान में उतारा है।