रोहित सरदाना ने पूछा-ये कैसी चौकीदारी है कि आदमी भाग जाता है, बीजेपी प्रवक्ता बोले-चोर बैठा थोड़ी रहेगा

पीएनबी घोटाले का मामला गरम चल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया पर इन दिनों यह सबसे हॉट टॉपिक है। ‘आज तक’ टीवी चैनल के ‘दंगल’ शो में पीएनबी को 11 हजार 300 करोड़ का चूना लगाकर नीरव मोदी के विदेश फरार होने के मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम एक दूसरे की पार्टी की सरकारों पर घोटाले का ठीकरा फोड़ते रहे। बीच-बीच में एंकर रोहित सरदाना सवालों के जरिए पैनलिस्ट को उलझाने में जुटे रहे। दोनों प्रवक्ताओं के लड़ने पर सरदाना ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि देश का साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये लेकर एक आदमी फरार हो जाता है और आप लोग सिर्फ अपनी-अपनी रोटी सेंकने में जुटे हैं।

बहस की शुरुआत में एंकर रोहित सरदाना ने भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम से पूछा-घोटालेबाज तभी क्यों भाग जाते हैं, जब जांच शुरू होती है। कुछ न कुछ तो अंदर खेल जरूर होता है। आखिर यह कैसी चौकीदारी है, जिसमें आदमी फरार हो जाता है? इस सवाल पर बैकफुट पर आए बीजेपी प्रवक्ता ने बचाव में यूपीए सरकार पर ठीकरा फोड़ा। कहा कि यूपीए सरकार में एनपीए को छिपाने का काम चलता था। 2008 से लेकर मोदी सरकार बनने के पहले तक यूपीए सरकार ने 34 लाख करोड़ का लोन दिया। अब सरकार की सख्ती से सभी गड़बड़ियां सामने आ रहीं है। सरकार किसी को छोड़ेगी नहीं। जफर इस्लाम ने कहा जो चोर होता है वह पकड़वाने के लिए नहीं बैठा रहता, चोर तो भागेगा ही। जहां भी भागेगा सरकार वापस लाएगी।

बिजनेस एडिटर राजीव दुबे ने सरकार और जांच एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 29 जनवरी को बैंक फ्राड की शिकायत सीबीआई से होती है, उससे पहले 23 जनवरी को दावोस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीरव मोदी कैसे फोटो खिंचाता है? इस पर बीजेपी प्रवक्ता जफर इस्लाम ने कहा कि दावोस में हजारों लोग गए हैं, वहां फोटो तो कोई भी खिंचा सकता है। नीरव मोदी अगर ऑफिशियल ग्रुप में गया होता तो बात मानी जा सकती इस पर राजीव दुबे ने कहा कि इसका मतलब प्रधानमंत्री मोदी तक कोई भी पहुंच सकता है। एंकर रोहित सरदाना ने शहजाद पूनावाला के बयान के आधार पर पवन खेड़ा से पूछा-क्या सचमुच राहुल गांधी नीरव मोदी की पार्टी में जाते थे? इस पर पवन खेड़ा ने कहा कि दावोस में बिना पीएमओ की क्लियरसें के कैसे कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचा सकता है, पहले इस पर सफाई दी जाए। इस बीच पैनलिस्ट बैंकर ने कहा-न यूपीए सरकार दूध की धुली है न एनडीए। दोनों सरकारों के राज में एनपीए का बोझ बढ़ा है। तू-तू-मै-मै की जगह बेहतर है कि मसले को समझा जाए और पता लगाया जाए कि गड़बड़ी हुई कैसे। मीरा सान्याल ने कहा कि अगर सरकार सीरियस है तो वह फिर बैकिंग सेक्टर में सुधारों को लेकर पूर्व की सिफारिशों को क्यों नहीं लागू करती।

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