दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बोले- केजरीवाल के इशारे पर हुई सीएस के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर पर आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री के इशारे पर जो हाथापाई की गई, वह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली सरकार की प्रशासनिक व संवैधानिक विफलता को दर्शाता है। माकन ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में संवादाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल इस विषय को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कायर्वाही करें प्रशासनिक अधिकारियों में विश्वास का माहौल बनाए ताकि ये सभी अधिकारी भय के माहौल से बाहर आकर दिल्ली के विकास के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री साथ बैठकर तुरंत इस समस्या का हल निकाले।
माकन ने कहा कि अपनी 3 साल की नाकामियों को छिपाने तथा दिल्ली कांग्रेस के कार्यालय में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में विशेष रुप से उठाए गए मंहगाई तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की असफलता के मुद्दों से घबरा कर केजरीवाल ने अपने विधायकों द्वारा ऐसी असंवेदनशील घटना को अंजाम दिया है और वे अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए एक नई कहानी गढ़ना चाहते है कि वे तो काम करना चाहते है परंतु प्रशासनिक अधिकारी उन्हें काम नही करने दे रहे है। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल को झगड़ा करने वाले अपने विधायकों के खिलाफ तुरंत सख्त से सख्त कानूनी व अनुशासनात्मक कायर्वाही करनी चाहिए और यदि वे ऐसा नही कर पाते है तो उनको मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली में पहली बार राजनीति का इतना नीचा स्तर देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 15 वर्ष दिल्ली के शासन में रही परंतु एक भी ऐसी अप्रिय घटना नही घटी। माकन ने कहा कि कांग्रेस के कायर्काल में दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारी दिल्ली से बाहर न जाए इसके लिए अपने बुर्जुग माता-पिता तथा बच्चों की पढ़ाई को आधार बनाकर गृहमंत्रालय में दिल्ली में रहने के लिए आवेदन दिया करते थे। परंतु आप पार्टी के 3 साल के शासन में प्रशासनिक अधिकारी इतने तंग आ गए है कि वे दिल्ली से बाहर अपने तबादले करवा रहे है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे एक दर्जन दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों को जानते है जो छुट्टी लेकर बिना वेतन के घर पर बैठे हैं परंतु आप पार्टी की दिल्ली सरकार के अन्तर्गत काम नही करना