सुप्रीम कोर्ट में बोलीं हादिया- मुस्लिम बन कर शौहर के साथ ही रहना चाहती हूं
अनंतकृष्णन जी
केरल के विवादित लव-जिहाद मामले से सुर्खियों में आईं हादिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है वह पति शफीन जहां के साथ पत्नी बनकर रहना जारी रखना चाहती हैं। हादिया ने हलफनामे में कहा- ”मैंने इस्लाम को अपनाया और अपनी मर्जी से शादी की।” हादिया के मामले ने तब तूल पकड़ लिया था जब उनके पिता केएम अशोकन को केरल हाईकोर्ट से उन्हें घर में नजरबंद रखने की इजाजत मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामें में 25 वर्षीय हादिया ने दावा किया- ”मेरे पिता समाज के कुछ निश्चित समुदाय के लोगों के प्रभाव में हैं जो कि उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं। वरना मुझे नहीं लगता है कि मेरे पिता जो कि एक नास्तिक हैं, वो मेरे धर्म बदलने और गैर धर्म के आदमी के साथ शादी करने पर विरोध करते।” हादिया ने कहा कि उनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें उनके पिता के यहां 24.5.2017 से 25.11.2017 तक नजरबंद रखा गया।
हादिया होम्योपैथिक मेडिसन में बेचलर डिग्री करने के बाद फिलहाल तमिलनाडु के सलेम के एक कॉलेज में हाउस सर्जन की ड्यूटी कर रही हैं। हादिया को पढ़ाई जारी रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। हादिया ने हलफनामे बार-बार उल्लेख किया है कि इस्लाम के बारे में अध्ययन करने ने बाद उन्होंने विवेक का इस्तेमाल करते हुए मर्जी से कबूला था और उसके बाद उसी धर्म के शफीन जहां से अपनी मर्जी से शादी की थी। हादिया ने कहा कि केरल हाईकोर्ट के उसे पहले हॉस्टल और फिर उसके पिता के पास सौंपने के फैसले से वह पीड़ित रही है। हादिया ने कहा- ”मैं बेहद पीड़ित रही हूं, खासकर मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे हॉस्टल में कैद रखा गया, मुझे लगता है कि मुझे मेरे स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित रखा गया। मुझे किसी से संपर्क रखने के अधिकार से मना कर दिया गया और किसी से फोन पर बात नहीं करने दी गई। मेरी और मेरे पति की मर्जी के खिलाफ मेरी शादी को रद्द कर दिया गया, मैं इस भ्रष्ट फैसले की पीड़ित हूं। जब मुझे मेरे पिता की निगरानी में भेजा गया तो मुझे लगा कि मेरे साथ किसी सामान के जैसा व्यवहार किया गया।”
हादिया ने कहा कि कई लोगों ने उसे इस्लाम छोड़ने के लिए समझाया। हादिया ने कहा कि जिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सुप्रीम कोर्ट ने शादी की परिस्थितियों से जुड़ी जांच सौंपी, उसने भी उसके पति शफीन जहां को आतंकवादी बताकर उसे गुमराह किया। हादिया ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मीडिया के सामने वे झूठी बातें पेश कीं जो उसने उसे बताई ही नहीं थीं। हादिया ने हलफनामे में कहा कि उसे पूरी तरह से आजादी दी जाए। हादिया ने यह भी कहा कि जिस तरह वह मानसिक और शारीरिक तौर पर पीड़ित रही हैं, उसे उसका मुआवजा मिलना चाहिए।