एचआरडीए ने नहीं किया तो संत करेंगे धार्मिक संपत्ति पर बन रही बहुमंजिला इमारत को सील- महंत जसविंदर
हरिद्वार। निर्मला अखाड़े के संतों ने बिल्वकेश्वर स्थित निर्मला छावनी में पत्रकार वार्ता के दौरान एचआरडीए की कार्यशैली पर सवाल उठाए। महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ने प्रेस वार्ता कहा कि विगत वर्ष हरिद्वार -रूड़की विकास प्राधिकरण ने अखाड़े की धार्मिक संपत्ति पर बन रही बहुमंजिला इमारत के सील के आदेश पारित किए थे। मगर विभागीय अधिकारियों की भूमाफियाओं मिलीभगत के चलते सील के आदेशों होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा उस पर क्रियान्वन नहीं किया गया हैं। शास्त्री ने कहा कि इस अनाधिकृत निर्माण के संबंध में अखाड़ा अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव महाराज की ओर नगर मजिस्ट्रेट को भी शिकायत की गई थी । लेकिन उस पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई । जिस कारण उन्हें धार्मिक संपत्ति में किए जा रहे अनाधिकृत बहुमंजिला निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। पत्रकारों को इस दौरान प्रेस कर रहे संतों ने हाई कोर्ट द्वारा एचआरडीए को कारवाई के लिए आदेशित की गई आदेशों की प्रति भी दिखाई । कोर्ट हाई कोर्ट ने एचआरडीए को कारवाई करने के आदेशित किए जाने के साथ ही 3 सप्ताह में जबाब दाखिल किए जाने के लिए निर्देशित किया हैं। इस दौरान धार्मिक संपत्ति पर चल रहे अनाधिकृत निर्माण का विरोध कर रहे संतों ने निर्माण स्थल पर पहंुचकर हंगामा काटा। महंत जसविंद, अमनदीप आदि ने मीडिया के समक्ष एलान किया हैं कि अगर एचआरडीए ने अगामी शनिवार तक धार्मिक संपत्ति पर बन रही बहुमंजिला इमारत को सील नहीं किया तो अखाड़े के संत स्वयं इस निर्माण को सील लगाऐंगे। इस ऐलान के बाद से जहां बिल्डर लाॅबी में हड़कंप तो प्रशासन के लिए भी यह ऐलान कम सरदर्दी वाला नहीं हैं।
पूर्व में भी लगते रहे हैं धार्मिक संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप
बतातें चलें कि अखाड़े की धार्मिक संपत्ति पर बहुमंजिला आवासीय निर्माण को लेकर निर्मला अखाड़े के संतों में विवाद चल रहा हैं। संतों का एक पक्ष दूसरे पक्ष के संतों पर भूमाफियाओं के साथ मिलकर धार्मक संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगाते आए हैं। इसी आरोप प्रत्योरोप के बीच एक संत को पद से बर्खास्त भी कर दिया था। जिसमें बर्खास्त संत अपने पक्ष में कोर्ट से यथास्थिति के आदेश ले आया था। जिसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं।
एचआरडीए अधिकारियों ने कहा नहीं हैं हाईकोर्ट के आदेशों के संबंध में जानकारी
हाईकोर्ट संबंधी आदेशों के बाबत जब संबंधित विभागीय अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने आदेश संबंधी किसी भी जानकारी से इंकार किया।
दरअसरल 13.11.2017 को एचआरडीए ने अखाड़े की धार्मिक संपत्ति पर चल रहे अनाधिकृत निर्माण पर सील लगाने की कारवाई के लिए आदेश पारित किए थे। बिना पुलिस फोर्स के टीम सील लगाने तो मौके पर गई परन्तु टीम के पहुंचने से पूर्व बिल्डर लाॅबी मौके पर एकत्रित हो गई। विवाद की स्थिति को देखते हुए एचआरडीए की टीम को वहां से बैंरग लौटना पड़ा।
लगेगी सील तो डूब जाऐगा कई प्रोपर्टी निवेशकों का पैसा
यदि हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन एचआरडीए विधिवत रूप से करता हैं और इस अनाधिकृत निर्माण पर सील की कारवाई करता हैं तो तय हैं कि ऐसे कई प्रोपर्टी निवेशकों का पैसा डूब जाऐगा जिन्होंने इस बहुमंजिला निर्माण में अपनी जमा पूंजी का निवेश किया हुआ हैं।