राजस्थान की विधानसभा में भूत-प्रेत और आत्माओं का साया! विधानसभा में चर्चा का विषय
भाजपा शासित राजस्थान की विधानसभा में गुरुवार (22 फरवरी) को चर्चा का विषय भूत-प्रेत और आत्माएं थीं। कई विधायकों का कहना था कि विधानसभा में भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का साया है, लिहाजा पूजा-पाठ, हवन कराया जाए। विधायकों ने इसके लिए अपनी-अपनी दलील भी दी। एक विधायक ने यहां तक कह दिया कि उपाध्यक्ष महोदय चाहें तो कमेटी बनाकर जांच कराएं कि विधानसभा में कितने भूत-प्रेत और आत्माएं हैं। बता दें कि हाल ही में राज्य के एक विधायक की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है और कई विधायक इस बीमारी के शिकार हैं। एक अन्य भाजपा विधायक की सड़क हादसे में जान चली गई है। इन घटनाओं के बाद विधायक दोष शांति की जरूरत बता रहे हैं।
विधायक कालूलाल गुर्जर ने दलील दी कि विधानसभा का भवन श्मशान भूमि पर बना है। यहां मृत बच्चे दफनाए जाते थे। हो सकता है कि कोई आत्मा हो, जिसे शांति न मिली हो। वह नुकसान पहुंचा रही हो। इसीलिए सदन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे। गुर्जर ने सीएम के सामने यह बात रखते हुए विधानसभा में हवन कराने की मांग की है। एक अन्य विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी का भी कुछ ऐसा ही मानना है। उनके मुताबिक भारतीय संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि श्मशान भूमि पर भवन नहीं होना चाहिए। ऐसे में विधानसभा के मामले में क्यों नहीं माना जाता सकता। क्या कारण है कि कभी एक साथ 200 विधायक नहीं बैठ सके। अशरफी ने भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने यह दलील दी है।
कांग्रेस के धीरज गुर्जर ने अनुदान मांगों की बहस के दौरान पॉइंट ऑफ इंफर्मेशन के जरिये मामला उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक और सचेतक कालूलाल गुर्जर अंधविश्वास फैला रहे हैं। उनके बयानों से प्रदेशभर में हड़कंप मचा है। इस पर सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मानव शरीर पंचमहाभूतों से बना है, इसलिए भूतों की चर्चा न करें। अध्यक्ष सुमित्रा सिंह के कार्यकाल में वास्तुदोष दूर करने के नाम पर उत्तर दिशा में बोरवेल खुदवाया गया था। लेकिन, उद्योग मंत्री राजपाल के जवाब के दौरान फिर मामला उठा।