खालिस्तान विवाद: ट्रुडो को इशारों में पीएम मोदी ने दिया संदेश, कहा- देश तोड़ने वाले बर्दाश्त नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आतंकवाद और चरमपंथ का मुकाबला करने से जुड़े मुद्दों सहित व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने पर गहन विचार विमर्श किया। दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद भारत, कनाडा ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग सहित छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। लगभग दो घंटे तक चली बैठक के बाद मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनके बीच द्विपक्षीय भागीदारी के तमाम पहलुओं पर बातचीत हुई। मोदी ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के लिए आतंकवाद से लड़ाई के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है जो राजनीतिक लक्ष्यों के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोदी का यह बयान ट्रूडे सरकार के खालिस्तान के मुद्दे पर नरम रुख के बाद आया है। मोदी ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री देश के विभिन्न हिस्सों में घूमे हैं और उन्होंने निश्चित रूप से भारत की विविधता का अनुभव किया होगा। ट्रूडे ने भारत को वाणिज्यिक सहयोग के लिए एक स्वाभाविक भागीदार बताया। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने त्रुदू से मुलाकात करके आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दोनों नेताओं की तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘तस्वीर खुद ही कहानी बयां करती है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई और हमारी साझेदारी को मजबूत तथा प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा हुई।’’ इससे पहले ट्रूडे का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों को और मजूबत करने के लिए कनाडा में अपने समकक्ष जस्टिन त्रुदू के साथ होने वाली मुलाकात को लेकर वह आशान्वित हैं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के साथ कल होने वाली मुलाकात और सभी क्षेत्रों में भारत तथा कनाडा के बीच संबंधों को और मजबूत करने के सिलसिले में होने वाली बातचीत को लेकर आशान्वित हूं। दोनों देशों के बीच संबंधों के प्रति उनकी गहन प्रतिबद्धता की मैं सराहना करता हूं।’’