कम समय में कौशल विकास योजना ने काफी प्रगति की

अपने लांच के दो साल से भी कम समय में ही कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना ने कई गुना प्रगति की है। योजना के तहत 3,16,671 प्लेसमेंट्स (फरवरी 2018 तक) किए गए हैं। 55 फीसद सफल प्लेसमेंट्स के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (2016-20) के तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रोग्राम (एसआइटी) एक प्रभावी और मांग-उन्मुख पहल है, जो उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है। विभाग के एक बयान में बताया गया है कि अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रोग्राम के तहत अब तक 13 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, इनमें से 9 लाख उम्मीदवारों को फरवरी 2018 तक प्रमाणपत्र भी दिए जा चुके हैं। 5.98 लाख उम्मीदवारों को प्लेसमेंट दिया गया है, जिन्हें नवंबर 2017 के अंत तक प्रमाणपत्र दिए जा चुके थे। जिन उम्मीदवारों को नवंबर 2017 के बाद प्रमाणपत्र दिए गए, उनके प्लेसमेंट का काम अभी जारी है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्लेसमेंट को दो श्रेणियों में बांटा गया है- वेतन और स्वरोजगार। तकरीबन 76 फीसद उम्मीदवारों को वेतन वाली श्रेणी में नौकरी दी गई है और 24 फीसद स्वरोजगार/उद्यमिता में काम कर रहे हैं। वेतन वाली श्रेणी में काम करने वाले 80 फीसद उम्मीदवारों को विभिन्न सेक्टरों में प्लेस किया गया है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स व हार्डवेयर, परिधान, ब्यूटी व वैलनैस, कृषि, रीटेल/खुदरा, लॉजिस्टिक्स, चमड़ा, टेलिकॉम, सिक्योरिटी, टेक्सटाइल्स और हैंडलूम। योजना की प्रगति पर चर्चा करते हुए कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव व सीवीओ राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप उम्मीदवारों को काम के लिए तैयार करती है। कौशल भारत मिशन के मद्देनजर हम उन्हें प्रासंगिक जॉब रोल में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। कौशल भारत मिशन उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है, जिसें मुद्रा ऋण व अन्य वित्तीय प्रावधानों का भी समर्थन प्राप्त है।

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