सूडान में मानवाधिकार का सबसे बुरा हाल जहाँ बच्चों को जबरन मां का बलात्कार दिखाया
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने दक्षिण सूडान में मानवाधिकारों की हालत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां बच्चों को अपनी मां और अन्य रिश्तेदारों का रेप होते या उन्हें मरते हुए देखने के लिए विवश किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दक्षिण सूडान में यौन हिंसा चरम पर पहुंच चुकी है। यूएन के मानवाधिकार जांचकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण सूडान के करीब 40 अधिकारी मानवता के खिलाफ हो रहे अपराधों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इन अधिकारियों का नाम अभी सामने नहीं लाया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही सुनवाई के उद्देश्य से इनके नाम जाहिर किए जा सकते हैं। इन 40 अधिकारियों में 4 कर्नल के लेवल के अधिकारी हैं तो वहीं तीन स्टेट गवर्नर्स हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये अधिकारी ही बाल सैनिकों की भर्ती करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने सैंकड़ों लोगों की गवाही, सैटेलाइट की तस्वीरों और करीब 60,000 दस्तावेजों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
सूडान में यौन हिंसा के साथ-साथ भुखमरी की भी समस्या काफी ज्यादा है। सरकार के धड़ों के बीच जारी संघर्ष के कारण वहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिण सूडान को साल 2011 में सूडान से आजादी मिली थी, लेकिन दिसंबर 2013 से ही वहां गृह युद्ध शुरू हो गया। हालांकि साल 2015 में शांति समझौते पर दस्तखत भी किए गए, लेकिन फिर भी वहां हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। दक्षिण सूडान की सरकार की ओर से कहा गया है कि इन अपराधों में जिसका भी नाम शामिल है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आईविटनेस न्यूज़ के मुताबिक विदेशी मामलों के प्रवक्ता माविएन मैकोल ने कहा है, ‘अपराधों के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति पर सरकार मुकदमा चलाएगी। यह एक जिम्मेदार सरकार है।’ यूएन की रिपोर्ट में कई पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई। पीड़ित लोगों ने बताया कि किस तरह उन्हें जान बचाने के लिए खुद के ही परिवार के सदस्यों का रेप करने के लिए विवश किया जाता है। एक महिला ने बताया कि उसके बेटे को जिंदा रहने के लिए अपनी दादी का रेप करने के लिए विवश किया गया था