अरविंद केजरीवाल के घर रेड में पहुंची 90 अफसरों की टीम, टॉयलेट तक खंगाला गया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर शुक्रवार सुबह रेड पड़ी थी। सीएम आवास पर होने वाले इस तलाशी अभियान पर दिल्ली के एडिश्नल डीसीपी (उत्तरी जिला) हरेंद्र सिंह ने गुरुवार को आखिरी बार बैठक ली। उन्होंने तलाशी अभियान के लिए साढ़े 10 बजे का वक्त तय किया था, मगर शुक्रवार सुबह उनके नेतृत्व में पुलिस सवा घंटे देर से पहुंची। ऐसा इसलिए, क्योंकि उस दौरान सीएम आवास के बाहर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन चल रहा था। यही वजह थी कि तलाशी अभियान का समय बदला गया। सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल का घर खंगालने के लिए एडीसीपी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के बीच में गुरुवार शाम को कई बार बातचीत भी हुई, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर सिंह ने पटनायक को जांच में सीसीटीवी फुटेज की अहमियत बताई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिंह ने पटनायक को इस मामले के बारे में बताया। केजलीवाल के सलाहकार वीके जैन के बयान से इतर एडीसीपी ने यह कहा कि उन लोगों को सीसीटीवी फुटेज मिल सकती है, जो कि तकनीकी रूप से एक सबूत होगी।
बहरहाल, 23 फरवरी की सुबह सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को अपने प्लान में किए गए बदलाव के बारे में सूचित किया। पुलिस को इसके बाद मालूम पड़ा कि डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन 11 बजे तक खत्म हो जाएगा। इसी बीच एक मैसेज आया कि एडीसीपी 11 बजे अपने दफ्तर पहुंचे। 10 मिनट बाद वह सिविल लाइंस पुलिस थाने गए, जहां दो बसें पुलिस बल को ले जाने के लिए खड़ी थीं। यहीं से 11 बजकर 28 मिनट पर पुलिस की टीमें सीएम आवास के लिए रवाना हुई थीं।
पांच मिनट में 90 अफसरों की टीम केजरीवाल के घर के बाहर थी, जिन्हें देखकर वहां तैनात सुरक्षाबल अचंभे में पड़ गया। सिंह ने बताया कि केजरीवाल के आवास पहुंचने के बाद उन्होंने केयरटेकर को वहां पर रेड डालने के बारे में जानकारी दी। बकौल एडिश्नल डीसीपी, “सीएम आवास पर कुछ कर्मी दखल दे रहे थे। वे लीगल नोटिस के बारे में पूछ रहे थे। हमनें उन्हें हर दस्तावेज दिखाया और बताया कि हम सिर्फ सीसीटीवी कैमरों की जांच करने आए हैं। हमने सबसे पहले वेटिंग रूम में तलाशी ली। फिर मीटिंग रूम को खंगाला। हमने उसी से सटे बाथरूम की तलाशी भी ली।”