बरसाना में होली मनाने पहुंचे आदित्यनाथ से पूछा ईद कहां मनाएंगे, सीएम ने कहा- मैं हिंदू हूं

होली मनाने के लिए बरसाना पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईद को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि उन्होंने दिवाली अयोध्या में मनाई, होली ब्रज में मना रहे हैं, तो वह ईद कहां मनाएंगे। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह हिंदू हैं और उन्हें अपनी आस्था व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। सीएम ने कहा, ‘मैं एक हिंदू हूं और हर किसी को अपनी-अपनी आस्था को, श्रद्धा को व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। दूसरा, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक आ सकते हों, श्रद्धालुओं की आस्था को सम्मान मिलता हो… पिछले 11 महीने के अंदर ना हमने किसी को ईद मनाने से रोका है और ना किसी को क्रिसमस मनाने से रोका है। हर एक अपनी-अपनी आस्था को अपने हिसाब से व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार भारत के अंदर हर नागरिक को है, तो मुझे लगता है कि वह अधिकार मुझे भी है।’

यूपी सीएम ने मथुरा में शनिवार को कृष्ण जन्मभूमि के भी दर्शन किए। उन्होंने मथुरा और बरसाना में होली मनाने के मुद्दे पर पिछली सरकारों पर हमला बोला। सीएम योगी ने मथुरा और अयोध्या की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों शहरों में उनके जाने पर उन्हें कोई भी सांप्रदायिक नहीं कहता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एक समय था जब लोग (पिछली राज्य सरकारें) अयोध्या और मथुरा के विकास के लिए पैसा देने में यह सोच कर हिचकते थे कि कहीं साम्प्रदायिक होने का ठप्पा न लग जाए। लेकिन हमने इस सोच को बदलने के लिए अयोध्या में दिवाली मनाई तो होली ब्रज में मनाने का फैसला लिया। अब कोई नहीं कह सकता कि मथुरा आने पर मैं साम्प्रदायिक हो गया।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह प्रदेश राम, कृष्ण और शंकर की भूमि है। ऋषियों, मुनियों, साधु-संतों, योगियों की भूमि है। हमारी धरोहर है। हमें इनके प्रति गौरव अनुभव करना चाहिए। इन स्थलों का भौतिक विकास भी होना चाहिए। हमने ब्रज के विकास के लिए तीर्थ विकास परिषद का गठन कर बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और इतनी ही राशि हम सीएसआर से भी जुटा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कृष्ण ने यहां जन्म भले ही लिया हो, किंतु वे अखण्ड भारत के आराध्य हैं। उन्होंने पूरब को पश्चिम से, तो उत्तर को दक्षिण से जोड़ने का कार्य किया। वे देश के हर स्थल की संस्कृति में देखने को मिलते हैं। ब्रज में तो जैसे हर गांव से उनका कोई न कोई निकट संबंध है। उनके दिए ब्रज संगीत का भारतीय शास्त्रीय संगीत पर भी गहरा प्रभाव है। उन्होंने दुनिया को प्रेम की भाषा सिखलाई।’

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