यहां शव यात्रा में होता है स्ट्रिप डांस, ये हैं दुनिया में अंतिम संस्कार से जुड़ी अजीबो-गरीब प्रथाएं
अंतिम संस्कार में स्ट्रिप डांस! आपने बिल्कुल सही पढ़ा। चीन में शव यात्रा निकालने के दौरान स्ट्रिपिंग आम बात है। भड़कीले गाने गाए जाने और कॉमेडी कराने की प्रथाएं भी अंतिम संस्कार के दौरान यहां पर काफी सालों से चली आ रही हैं। फुजियाम नॉर्मल वि.वि. के प्रोफेसर हुआंग जिन्जिंग ने कहा, “यहां कुछ स्थानीय लोग इन परंपराएं सालों का सालों से पालन कर रहे हैं। वे इस दौरान कामोत्तेजक चीजें लेकर कपड़े उतारकर नाचते हैं। ऐसा कर वे अपने प्रियजनों की आत्माओं को खुश करते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं।” हालांकि, बीजिंग में इन प्रथाओं को कई लोग भद्दा और आपत्तिजनक मानते हैं। चीनी अधिकारी भी इन परंपराओं पर नकेल कसने को लेकर पहले भी आवाज उठा चुके हैं, मगर अभी तक इन पर रोक नहीं लग सकी है। ये परंपराएं खासकर चीन और ताइवान के ग्रामीण इलाकों में प्रचलित हैं और यहीं से इनकी शुरुआत हुई थी। मार्क मॉस्कोविट्ज ने इस बारे में बताया, “अंतिम संस्कार पर पहले बार स्टिपर्स को साल 1980 में ताइवान में देखा गया था।” उनके मुताबिक, “ताइवान में ये प्रथाएं बेहद सामान्य हैं, मगर चीन में सरकार इन चीजों को लेकर सख्ती से पेश आती है, लिहाजा ज्यादातर लोगों ने इनके बारे में सुना ही नहीं होगा।”
दक्षिण कोरिया में लोग अपने प्रियजनों के अवशेषों को रत्न रूपी मनके (बीड्स) में तब्दील करा लेते हैं, जिन्हें बाद में वे सहेज कर रखते हैं।
पापुआ न्यू गिनी में मेलानेसियंस और ब्राजील के कुछ हिस्सों में रहने वाले वारी जाति के लोग मरे हुए लोगों की लाश को अपना निवाला बनाते हैं। यानोमामी समुदाय के लोग भी इस परंपरा को सालों से मानते आ रहे हैं।
तिब्बत में बौध धर्म के लोग भी अनोखे अंदाज में अंतिम संस्कार की प्रथा को अपनाते हैं। वे अपने परिजन की लाश को खुले मैदान में भूखे गिद्धों और चीलों के भोजन बनने के लिए छोड़ आते हैं।
फिलीपींस के उत्तर पश्चिमी हिस्से में बेंगुएट समुदाय के लोग शख्स के मरने के बाद उसकी आंखों पर पट्टी बांध कर उसे घर के मुख्य दरवाजे के पास रख देते हैं।