पिछले सात दिन में सीरिया में जारी बम बारी में 120 बच्चे सहित 500 लोगों से ज़्यादा की मौत
सीरिया के पूर्वी घोटा क्षेत्र में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में पिछले सात दिन से जारी बम बारी में मरने वालों की संख्या रविवार (25 फरवरी, 2018) को बढ़कर 500 से अधिक हो गई है। बताया जाता है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने संघर्षविराम पर मतदान में फिर देरी कर दी। सीरियन ऑब्जेवेटी फोर ह्यूमन राइट्स के अनुसार मारे गए लोगों में 120 से अधिक बच्चे हैं। दमिश्क के बाहर इस क्षेत्र में पिछले रविवार को सरकार ने बमबारी शुरू की थी। ब्रिटेन के इस संस्थान ने बताया कि रविवार के हवाई हमले में कम से कम 29 नागरिकों की मौत हो गई। इनमें 17 की मौत डौमा शहर में हुई। संस्थान ने आगे बताया कि सीरिया और रूसी सैन्यबल ये हमले कर रहे हैं। वैसे रूस ने पूर्वी घोटा में बमबारी में अपनी सीधी संलिप्तता से इनकार किया है। वह 2015 में सीरिया प्रशासन के समर्थन में सैन्य हस्तक्षेप करते हुए उतरा था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद महीने भर के संघर्षविराम के लिए बीते शुक्रवार को मतदान करने वाली थी हालांकि ऐसा नहीं पो पाया।
हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया में 30 दिवसीय संघर्षविराम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बीबीसी की रिपोर्ट मुताबिक, 15 सदस्यीय परिषद ने बीते शनिवार को सीरिया के प्रभावित इलाके में सहायता पहुंचाने और मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के पक्ष में वोट किया। इस सप्ताह पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके पूर्वी गूता में बमबारी शुरू हुई थी लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि समझौते के बाद भी हवाई हमले जारी हैं। इस प्रस्ताव पर गुरुवार से ही अड़चने आ रही थी। सीरिया सरकार का समर्थक देश रूस इस प्रस्ताव में संशोधन की मांग कर रहा था, जिस पर पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने उन पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संर्घषविराम को तत्काल भाव से लागू करने का आह्वान किया था लेकिन साथ में सीरिया द्वारा संघर्षविराम को लागू करने पर आशंका भी जताई थी।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि युद्धग्रस्त धड़ों के बीच समझौते के बगैर यह संघर्षविराम संभव नहीं होगा। ब्रिटेन की मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि परिषद में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के कुछ ही मिनटों बाद पूर्वी गूता में बमबारी हुई। इससे पहले संस्था ने कहा था कि रविवार से शुरू हुई इस बमबारी में अभी तक 500 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेसे ने कहा था कि पूर्वी गूता में स्थिति नर्क जैसी हो गई है।