तुमने क्या पहना था, जब बाइक सवार ने दबोचा- कोर्ट में हुए सवालों पर पीड़िता ने बयां किया दर्द
फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ में दिखाया गया है कि अभिनेत्री रानी मुखर्जी का किरदार अपने साथ हुए रेप के वारदात के मामले में इंसाफ पाने के लिए अदालत में किन-किन सवालों से गुजरती है। बेंगलुरु में छेड़खानी की शिकार एक महिला ने भी इंसाफ पाने के लिए अपने जद्दोजहद को बताया है। महिला ने बताया कि अदालत में उनसे क्या-क्या सवाल पूछे गये। बेंगलुरु मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक छेड़खानी की शिकार महिला जब कोर्ट पहुंची तो उससे पूछा गया। क्या उस दिन बारिश हो रही थी, क्या बारिश में तुम भीग गई थी। तुमने कौन से कपड़े पहने थे। किस रंग के कपड़े पहने थे। लड़की ने कहा कि लोग सोच रहे होंगे कि 2018 आ गया है और जमाना बदल गया है, लेकिन ऐसा नहीं है, आज भी ढुलमुल रवैया है। सवालों का सिलसिला खत्म नहीं होता है। दरअसल यह घटना 2014 की है। तब से लेकर आजतक इंसाफ के लिए लड़की का संघर्ष जारी है। पीड़िता अंकिता (बदला हुआ नाम) कहती है कि घटना एयरलाइंस होटल के सामने की है। वहां पर रात 8.20 बजे कुरियर डिलीवर करने वाला एक शख्स अपने बाइक पर बैठा हुआ था, लड़की जब उसके सामने से गुजरी तो क्षण भर में इस शख्स ने पीड़िता को दबोच लिया। लड़की ने उसे रोकने की कोशिश की और बाइक के टायर पर पैर रख दिया और चिल्लाने लगी, वह बाइक की चाबी भी खिंचने में सफल रही, लेकिन चूंकि बाइक चालू थी इसके आरोपी भागने में सफल रहा।
अंकिता कहती है कि जैसे ही उसने पूरे मामले को पुलिस में बताया। पूरा सिस्टम उन्हें झूठा साबित करने में लग गया। अंकिता बताती है कि जब उन्हें कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए बुलाया गया तो वह अपने दोस्तों के साथ थी। तभी कॉन्स्टेबल ने उन्हें उनका टॉप ऊपर करने को कहा। अंकिता कहती है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन वह उनके बहाने को समझती थी। उसने टॉप ऊपर कर लिया और इंतजार करने लगी। अंकिता बताती है कि उसके दोस्त पूछ रहे कि अंदर कोर्ट में उससे क्या सवाल पूछा जाएगा। इस पर एक ने कहा कि वे उससे पूछेंगे कि उसने घटना के दौरान क्या पहना हुआ था। अंकिता के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा जब बचाव पक्ष के वकील ने उससे पहला सवाल यही पूछा।
अंकिता ने बताया कि वह काफी गुस्से में थी। फिर भी उसने जवाब दिया और कहा, “मैंने जींस पहनी हुई थी, टी-शर्ट और एक स्वेटर।” अंकिता ने कहा कि वे यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने अगला सवाल किया, स्वेटर? किस रंग का? इस पर मैंने जवाब दिया लाल रंग का। अंकिता कहती है कि इस दौरान कोर्ट में बचाव पक्ष का वकील, सरकारी वकील और जज बैठे थे, वह उनकी ओर देख रही थी, लेकिन उनपर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, जैसे उनके लिए यह रोजाना की बात हो। अंकिता कहती है वह इन मानसिक दबाव से अब बाहर आ चुकी है और उसका मकसद आरोपी को सबक सिखाना है।