ITBP के जवान और अधिकारी सांची में सीखेंगे चीनी भाषा

सांची के बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सीखने के लिए अगले सत्र में आइटीबीपी 25 जवानों एवं अधिकारियों को भेजेगा। 2016 में केवल चार जवानों को भेजा गया था। डोकलाम विवाद के बाद सीमा पर तैनात जवानों के बीच संवाद के नजरिये से इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश गुप्ता ने बताया, ‘शैक्षणिक सत्र 2016-17 में आइटीबीपी के चार कर्मचारी चीनी भाषा सीखने आए थे। इनमें दो जवान एवं दो इंस्पेक्टर थे। इन्होंने चीनी भाषा में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स किया था। इससे उन्हें भारत-चीन सीमा पर चीनी फौज एवं सीमा पर रहने वालों से संवाद करने में काफी सहूलियत होती है।’

राजेश गुप्ता ने कहा, ‘आइटीबीपी ने अगले सत्र से अपने 25 और कर्मचारियों को हमारे विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सीखने के लिए नामांकित किया है। इनमें जवानों के साथ-साथ तीन अलग-अलग रैंक के अधिकारी शामिल हैं। हमें इनकी सूची भी मिल गई है। यह सत्र जुलाई 2018 में शुरू होगा और इन्हें भी चीनी भाषा में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमने आइटीबीपी की जरूरतों के हिसाब से इस सर्टिफिकेट कोर्स को डिजाइन किया है।

कोर्स के दौरान हम उन्हें अध्ययन सामग्री भी देते हैं।’ गुप्ता ने बताया, ‘हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू-कश्मीर में चीनी सीमा पर हमारे देश में कई ऐसे गांव हैं, जहां बौद्ध धर्मावलंबी रहते हैं और चीनी भाषा बोलते हैं। इसलिए चीनी भाषा का कोर्स कर रहे इन जवानों को हम बौद्ध धर्म के बारे में बताते हैं, जो इनके लिए मददगार होगा।’ वर्ष 2016-17 के शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सिखाई जा रही है। पहले साल हमने चीनी भाषा में एक साल का प्रमाणपत्र कोर्स शुरू किया। इसे कर चुके छात्रों के लिए दूसरे शैक्षणिक सत्र 2017-18 में हमने चीनी भाषा में एक साल का डिप्लोमा शुरू किया और आने वाले सालों में हम चीनी भाषा में एडवांस कोर्स भी करवाएंगे।

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