भविष्य के लिए 7 बैंकिंग ट्रेंड्स, पेपरलेस सिस्टम में आधार और स्मार्टफोन की अहम भूमिका
आदिल शेट्टी
गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में बताया था कि 440 मिलियन मिलेनियल और 390 मिलियन जेन जेड लोगों (जिनका जन्म 2000 के बाद हुआ है) के साथ, और 1,06,700 रुपए की प्रति व्यक्ति GDP के साथ जो 2005 में चीन के लगभग बराबर है, भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी और ई-कॉमर्स की दृष्टि से काफी तेजी से विकास होने की उम्मीद है। स्वाभाविक रूप से, भारत में फाइनैंशल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होने वाली बढ़ोत्तरी भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और ई-कॉमर्स के विकास के समान होने की उम्मीद है। इनफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व UIDAI चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने इस चरण को भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र का ‘वॉट्सऐप मोमेंट’ कहा है। बाजार में आई बाधाओं के बारे में बात करते समय और हाल के रुझानों की तुलना करते समय, निलेकणी ने कहा कि किस तरह वॉट्सऐप ने इंस्टेंट मैसेजिंग को बाधित कर दिया था “हम जिसे बैंकिंग के नाम से जानते हैं वह अगले 10 साल में अपने सिर के बल खड़ा हो जाएगा।” आइए बैंकिंग क्षेत्र में दिखाई देने वाले कुछ घटनाक्रमों पर नजर डालते हैं।
बैंकिंग, पेपरलेस हो जाएगी
आज अकाउंट खोलने की प्रक्रिया कहां है, और आने वाले समय में कहां हो सकती है। आज, यदि आप एक सेविंग अकाउंट खोलना चाहते हैं, इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं, लोन लेना चाहते हैं, या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको बैंक या वित्तीय संस्थान में जाना पड़ता है। आप या तो अपने दस्तावेज लेकर ब्रांच में जाते हैं, या वे आपके पास आकर दस्तावेज ले जाते हैं। इसमें काफी समय और पैसा खर्च हो जाता है। भविष्य में, आप बिना किसी कागजात के, ब्रांच जाए बिना, तुरंत अपना अकाउंट खोल पाएंगे। आप अपनी KYC के लिए एक भी कागजात दिए बिना, बैंक के किसी प्रतिनिधि से मिले बिना, अपने हाथ में अपना उत्पाद पाने के लिए कई दिन इंतजार किए बिना, आप यह कर पाएंगे। सर्विस देने का काम इंटरनेट कनेक्टेड स्मार्टफोन के माध्यम से होगा। इसे हम फाइनेंस का अमेजनिफिकेशन कह सकते हैं जहां एक ग्राहक एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर खरीदारी करने की तरह तुरंत एक फाइनैंशल प्रोडक्ट खरीद सकता है।
आधार और स्मार्टफोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
भारत में एक बिलियन से ज्यादा लोग रहते हैं जिनके पास एक आधार अकाउंट या एक सेलफोन, या दोनों चीजें हैं। एक साथ मिलकर ये दोनों चीजें वहां पहुंच सकती हैं जहां अधिकांश सरकारी संस्थान और व्यावसायिक सेवाएं भी पहुंच नहीं पाती हैं। इसलिए, बैंकिंग और फाइनेंस पर इनका बहुत गहरा असर पड़ता है। जहां एक तरफ गोपनीयता की चिंता की दृष्टि से आधार की आलोचना की गई है वहीं दूसरी तरफ, फाइनैंशल सर्विस देने के मामले में यह बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। हम पहले ही जनकल्याण योजनाओं और सब्सिडी के मामले में आधार की उपयोगिता देख चुके हैं। इसके अलावा हम भारत में इंटरनेट के उपयोग में दिन दूनी और रात चौगुनी बढ़ोत्तरी की भी उम्मीद करते हैं। 2016 की तुलना में यूजर्स की संख्या 2020 तक दोगुना होकर लगभग 700 मिलियन होने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि अधिकांश भारतीय परिवार, अपने स्मार्टफोन की मदद से हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ जाएंगे, जिनका खर्च बड़ी तेजी से कम हो रहा है, और इस तरह वे सरकारी योजनाओं और प्राइवेट सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। अधिक से अधिक भारतीय अपने आधार और इंटरनेट से जुड़े फोन की ताकत का इस्तेमाल करके अपना प्रमाणीकरण कर सकेंगे, अकाउंट खोल सकेंगे, और यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उन्हें सरकार द्वारा वादे के मुताबिक सेवाएं प्राप्त होती हैं।