बरखा दत्त भी बचपन में हो चुकी हैं यौन उत्पीड़न की शिकार, बयां किया दर्द
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त भी बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं। उनका यौन उत्पीड़न करने वाला कोई और नहीं बल्कि कजिन था। उसने चॉकलेट देकर खेलने के बहाने बरखा के साथ गलत व्यवहार किया। तब बरखा दत्त की उम्र करीब नौ साल थी। एक वीडियो में बरखा दत्त ने अपने साथ बचपन में हुए यौन उत्पीड़न की दांस्ता सभी को सुनाई। उन्होंने कहा कि बचपन में बच्चों के साथ जो लोग खेलने की कोशिश करते हैं, दरअसल वही खेलना ही मोलेस्टेशन होता है। बरखा दत्त ने कहा कि आज भी जब छेड़खानी पर चर्चा होती है तो मेरे जेहन में बचपन की वह घटना ताजा हो जाती है।
अपनी रिपोर्ट और ट्वीट के कारण बरखा दत्त कई बार सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर रहतीं हैं। बरखा का मानना है कि ऑनलाइन अपशब्द कहना भी महिलाओं को डराने के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पिछले वर्ष Let’s Talk About Trolls नामक प्रोग्राम में बरखा दत्त ने खुद को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने पर भी चर्चा की थी। आपबीती बताते हुए कहा था कि कई बार उनके मोबाइल नंबर को सार्वजनिक कर दिया जाता है तो कई बार निजी जिंदगी से जुड़ी गलत जानकारियां उड़ाई जाती हैं। सोशल मीडिया पर भद्दे-भद्दे कमेंट किए जाते हैं। कई बार मेरी शादी से जुड़ी झूठीं खबरें सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर फैलाई जाती हैं। लोग मोबाइल पर मैसेज कर धमकी देते हैं और गाली-गलौज करते हैं।
कार्यक्रम में बरखा दत्त ने कहा था स्वतंत्र और महत्वाकांक्षी महिलाओं को लोग ज्यादा ही निशाान बनाते हैं। उन पर गलत कमेंट कर दबाने की कोशिश की जाती है। बरखा दत्त ने इस दौरान महिलाओं को अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न पर चुप न रहने की सलाह दी। एक अन्य कार्यक्रम में बरखा दत्त ने कहा कि अगर कोई महिला ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ना चाहती है तो भी उसे तमाम लोग हतोत्साहित करते हैं। समाज और सिस्टम का पूरी तरह साथ नहीं मिलता। एक पुराना वाकया बताते हुए बरखा ने कहा कि जब वे कोर्ट जाने की सोच रहीं थीं तो वकील ने कहा कि केस लड़ना समय खराब करना है। कई साल केस चलता रहेगा।
क्या कहते हैं आंकड़ेः भारत में हर दूसरा बच्चा यौन उत्पीड़न का शिकार होता है। यह खुलासा हो चुका है ‘वर्ल्ड विजन इंडिया’ की रिपोर्ट में। संस्था ने भारत में 45,844 के बीच एक सर्वेक्षण किया। इस दौरान पता चला कि हर दूसरा बच्चा यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ है। वहीं पांच में से एक बच्चा यौन उत्पीड़न को लेकक असुरक्षित महसूस करता है। खास बात है कि करीब 98 फीसदी मामलों में बच्चों के परिचित या संबंधी ही यौन शोषण करने वाले थे।