होम लोन लेने से पहले जानना जरूरी है ये 10 बातें

घर खरीदने का सपना हर कोई देखता है, मगर इसे साकार करना उतना भी आसान नहीं है। ऐसे में होम लोन लोगों का सहारा बनता है। लोग बैंक से घर खरीदने के लिए लोन ले लेते हैं। फिर धीमे-धीमे लोग लोन चुकाते रहते हैं। लेकिन होम लेने से पहले कुछ महीन बातें होती हैं, जो हर किसी को पता होनी चाहिए। जानिए 10 जरूरी बातें, जिन्हें होम लेने से पहले जानना जरूरी होता है। होम लोन लेने से पहले यह जान लें कि आप उसके योग्य हैं भी या नहीं। बैंक आपकी आय और उसे चुकाने की क्षमता के आधार पर आपकी योग्यता मांपेंगे। वे इसके साथ आपकी आयु, शिक्षा, आश्रितों की संख्या, पत्नी की तनख्वाह और नौकरी को भी पैमाना मानेंगे।

– होम लोन भी कुछ प्रकार के होते हैं। ऐसे में तय करें कि आपको कौन सा होम लोन लेना है। ये हैं प्रकार-
1- एडजस्टेबल/फ्लोटिंग रेट लोन
2- फिक्स्ड रेट लोन
3- कॉम्बिनेशन लोन

– इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घर तलाशने से पहले लोन का बंदोबस्त करा लेना चाहिए। होम लोन के प्री-अप्रूवल से फायदा यह होता है कि आपको अपना बजट तय करने में मदद मिलती है और घर की तलाश भी सटीक ढंग से होती है।

– अब बात आती है लोन की रकम पर। अधिकतर बैंक घर की कीमत का 75 से 90 फीसद हिस्सा लोन के रूप में उपभोक्ता को मुहैया कराते हैं। मसलन अगर किसी घर की कीमत 50 लाख रुपए है, तो बैंक उस पर अधिकतम होम लोन 40 लाख रुपए का दें सकेंगे। अगर आप होम लोन में सह-आवेदक को भी शामिल करते हैं, तब उसकी आय के आधार पर लोन की रकम बढ़ भी सकती है। सह-आवेदक आपका बालिग बच्चा, अभिभावक या पत्नी/पति हो सकते हैं।

– होम लोन मिलने के बाद उसकी कॉस्ट (कीमत) आंकना जरूरी होता है, ताकि पता लग सके कि आपको लोन कितने का पड़ा। लोन की कॉस्ट में ब्याज की दरें, प्रोसेसिंग फीस, प्रशासनिक शुल्क, प्रीपेमेंट पेनाल्टी आदि चीजें शामिल होती हैं। सबसे जरूरी है कि आप जब भी होम लोन लें, तब यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि उसमें किसी प्रकार के छिपे शुल्क न हों।

– आप अपना होम लोन ईएमआई के जरिए चुका सकते हैं। यह रकम आपको हर महीने बैंक को देनी पड़ेगी, जिसमें लोन की मूल रकम और लोन के बकाया हिस्से पर चुकाया जाने वाला ब्याज भी शामिल होगा।

– किसी भी होम लोन को चुकाने की अधिकतम समयसीमा 30 साल होती है। हालांकि, इसमें उपभोक्ता की योग्यता के आधार पर फेरबदल भी हो सकता है। लंबे टेन्योर वाले लोन पर ईएमआई का बोझ कम होता है।

– होम लोन के लिए डॉक्यूमेंटेशन भी बेहद जरूरी है, जिसमें आपके केवाईसी दस्तावेज- पासपोर्ट, वोटर आईडी, आधार कार्ड आदि होते हैं। इसके अलावा क्रेडिट/आय के दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी इसमें शामिल होते हैं।

– होम लेने लेने के बाद आपको कवर टर्म एश्योरेंस प्लान भी खरीदना चाहिए, जो आपकी लोन की रकम को कवर करता है। यह आपके परिवार पर लोन की बकाया रकम का दायित्व नहीं छोड़ता, बल्कि इसका पूरी जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनी पर होती है।

– लोन लिया है तो उसे चुकाना भी पड़ेगा। लेकिन अगर कोई किश्त नहीं भरे तब क्या होगा? अगर कोई उपभोक्ता तीन बार अपनी किश्त नहीं भर पाता है, तब बैंक उसके खिलाफ सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशशियल एसेट्स एंड एंफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट, 2002 के आधार पर कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। खास बात है कि इसमें कोर्ट को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होता।

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