पत्नी अच्छा खाना नहीं बनाती, इसलिए इस शख्स को तलाक चाहिए

मुंबई के एक शख्स ने पत्नी के खाने से असंतुष्ट होकर अदालत में तलाक के लिए गुहार लगाई जिसे खारिज कर दिया गया। पीटीआई के अनुसार शख्स ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया कि उसकी पत्नी अपना कर्तव्य सही से नहीं निभाती थी, वह देर सोकर उठती थी और स्वादिष्ट खाना नहीं बनाती थी। जस्टिस केके तातेड़ और सारंग कोतवाल की बेंच ने गुरुवार (1 मार्च) को परिवार मामलों की अदालत की तलाक खारिज की करने की दलील को सही ठहराया। याचिकाकर्ता  मुंबई के सांताक्रूज का रहने वाला है। शख्स ने जिन तर्कों को रखा, उन्हें अदालत ने तलाक के लिए सही नहीं माना। परिवार मामलों की अदालत ने कहा था कि आरोपों में किसी तरह की निर्दयता नहीं दिखाई देती है, इसलिए कोर्ट में इसमें दखल नहीं दे सकती हैं।

अदालत ने कहा कि ऐसा देखा गया कि याचिकाकर्ता की पत्नी एक कामकाजी महिला है और इसके साथ उसे घर के सामान खरीदने का बोझ उठाना पड़ता है, उसे पति और उसके माता-पिता के लिए खाना बनाना पड़ता है और वह यह सब घर का सारा काम करते हुए करती है। इसलिए याचिकाकर्ता के द्वारा लगाए गए स्वादिष्ट खाना नहीं बनाने और कर्तव्य परायणता से काम न करने के आरोप तलाक के लिए स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवारको सुनवाई करते हुए यह बात कही।

याचिकाकर्ता ने परिवार मामलों की अदालत के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपनी गुहार में दावा किया था कि परिवार मामलों की अदालत के जज से फैसले में कोई गलती हुई है। याचिकाकर्ता ने पत्नी के खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन करने वाले अपने पिता का बयान भी साक्ष्य के तौर पर पेश किया। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी को सुबह जल्दी जगाने पर वह उसे और उसके माता-पिता को अपशब्द कहती थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी काम से 6 बजे घर लौटने के बाद एक नींद लेती और साढ़े आठ बजे खाना बनाती थी।

पत्नी ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह काम पर जाने से पहले पूरे परिवार के लिए खाना बनाया करती थी। पत्नी ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के द्वारा उसके घर आने पर उसे घर के किसी काम में व्यस्त पाने को साक्ष्य के तौर पर पेश किया। पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता और उसके माता-पिता उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं।

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