त्रिपुरा चुनाव नतीजे 2018: त्रिपुरा में माकपा को बड़ा झटका: 6 बार विधायक रहे थे, सातवीं बार नतीजा आने से एक दिन पहले हो गई मौत
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के बीच माकपा को बड़ा झटका लगा है। राज्य मंत्री और लगातार छह बार पार्टी से विधायक रहे खगेंद्र जमातिया का निधन हो गया। शुक्रवार (2 मार्च) को होली के दिन उन्होंने नई दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। यानी कि सातवीं बार चुनाव के नतीजे आने से पहले वह गुजर गए। त्रिपुरा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पबित्र कर ने यह जानकारी दी है। पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार, जमातिया 64 वर्ष के थे। उनके एक पत्नी और दो बच्चे थे। वह राज्य में मत्स्य एवं सहकारिता मंत्रालय का कामकाज संभालते थे। त्रिपुरा में चुनाव 18 फरवरी को हुए थे, जिसके एक दिन बाद अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था। यही कारण है कि 19 फरवरी को उन्हें गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दास ने आगे बताया कि माकपा नेता को 25 फरवरी को नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एम्स) में शिफ्ट किया गया था। यहां उन्हें ब्लड कैंसर होने की बात सामने निकल कर आई थी। आपको बता दें कि इस बार के चुनाव में कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से माकपा की ओर से उम्मीदवार थे।
डिप्टी स्पीकर के मुताबिक, साल 1983 में उन्होंने पार्टी का दामन थामा था। 1988 के बाद से वह लगातार छह बार विधायक रहे और दो बार राज्य मंत्री का पदभार संभाला। राज्य में 18 फरवरी को मतदान हुआ था। 89.8 फीसद मतदाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो राज्य के 25.73 लाख लोगों ने विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में हिस्सा लिया था।
हालांकि, इस बार का चुनाव में मतदान का स्तर बीते चुनाव के मुकाबले दो फीसद कम रहा। पिछले चुनावों में मतदान का स्तर 91.82 फीसद था। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान यह आंकड़ा 84.32 फीसद था। त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विस की 59 सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हुए थे। हालांकि, कुछ जगहों पर उस दिन इवीएम में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें की गई थीं। सूचना पर उन्हें तत्काल ठीक किया गया था। चरीलाम विस क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब वर्मा के बीते दिनों देहांत की वजह से इस सीट पर मतदान नहीं हुआ, जहां 12 मार्च को मतदान होगा।