बीजेपी नेता ने ‘किस ऑफ लव’ की तस्वीर को IIT मद्रास का बताकर किया शेयर, ‘संस्कृति’ को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना

साल 2014 में राजधानी दिल्ली में हुए ‘किस ऑफ लव’ विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर शेयर करते हुए तमिलनाडु के बीजेपी नेता ने डीएमके और एमडीएमके पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही बीजेपी नेता एच राजा ने किस ऑफ लव की यह तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए इसे आईआईटी मद्रास का बताया है। उन्होंने ट्विटर पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘वाइको और स्टालिन का ध्यान इस तरफ ले जाना चाहता हूं: जब आप आईआईटी मद्रास में तमिल संस्कृति का विकास करते हैं, तब ऐसा होता है।’ एच राजा ने बुधवार को यह तस्वीर पोस्ट करते हुए डीएमके और एमडीएमके पर निशाना साधा।

द न्यूज मिनट के मुताबिक बीजेपी नेता द्वारा यह तस्वीर शेयर किए जाने के बाद इसमें दिखाई दे रही महिला ने खुद इस मामले पर सफाई दी है। फोटो पर एक शख्स को किस करती हुई महिला का नाम स्वाति विजया है और वह एक शोधकर्ता है। स्वाति ने जानकारी दी कि वह तस्वीर आईआईटी मद्रास की नहीं है, बल्कि साल 2014 में दिल्ली में हुए ‘किस ऑफ लव’ विरोध प्रदर्शन के दौरान की है। स्वाति ने बीजेपी नेता का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘यहां किस करते हुए किसी भी कपल की तस्वीर हो सकती थी। वह कोई अपरिचित सी फोटो पोस्ट कर सकते थे और उसे आईआईटी के छात्रों की बताकर फैला भी सकते थे। हमारी तस्वीर पोस्ट करने की जरूरत नहीं थी। बहुत ही बेवकूफी वाला काम किया है… वह कम से कम ऐसी तस्वीर पोस्ट कर सकते थे जो कैम्पस के अंदर ली गई हो। उन्होंने तो पूरी कोशिश भी नहीं की।’

 

வைகோ, ஸ்டாலின் கவனத்திற்கு: சென்னை IIT ல் தமிழ் பண்பாடு வளர்த்த போது pic.twitter.com/WxnwJauX9t

— H Raja (@HRajaBJP) February 27, 2018

उन्होंने आगे कहा, ‘यह तस्वीर दिल्ली में साल 2014 में किस ऑफ लव प्रोटेस्ट के दौरान ली गई थी। हमने तो असल विरोध शुरू होने से पहले ही किस किया था और वहां एबीवीपी वालों ने काफी गुस्सा भी जाहिर किया था। वहां बहुत से लोग ऐसे थे जिन्होंने हमारे बाद किस किया था, लेकिन फिर भी हमारी ही तस्वीर ने हलचल पैदा की।’ स्वाति ने बीजेपी नेता द्वारा इस तस्वीर को प्रोटेस्ट के साढ़े तीन साल बाद पोस्ट करने के मामले में कहा, ‘वह बस डर पैदा करना चाहते हैं। वह ‘किस’ को आगे बढ़ने का एक कदम नहीं मानते। वह दिखाना चाहते हैं कि जिस दिशा में इस वक्त समाज आगे बढ़ रहा है उसी दिशा में अगर बढ़ता रहा तो इस तरह से ही समाज का अंत होगा।’

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