नतीजे देख कांग्रेस और लेफ्ट पर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं- कांग्रेस ने ठुकरा दिया था मेरा ऑफर

त्रिपुरा चुनाव के नतीजे साफ होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लेफ्ट और कांग्रेस पार्टी गुस्सा जाहिर किया है। चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ममता ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने त्रिपुरा में भाजपा को ऑक्सीजन देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा चुनाव परिणाम की जिम्मेदारी कांग्रेस को लेनी चाहिए। कांग्रेस उन पार्टियों में से एक जिसने भाजपा के त्रिपुरा में पैर जमाने में मदद की। उन्होंने कहा, ‘मैंने निजी तौर पर भाजपा से निपटने के लिए एक आम मंच बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) मेरी पेशकश को खारिज कर दिया था।’ मुख्यमंत्री ने यह बात राज्य सचिवालय में मीडियाकर्सियों से कही। ममता बनर्जी ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए और लेफ्ट नेतृत्व को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर पैसा खर्च किया। बाहरी लोगों को बुलाया गया। केंद्रीय बल का इस्तेमाल किया गया। ईवीएम मशीन में भी कुछ परेशानियां थीं। मैं हैरान हूं कि सीपीएम ने इसके खिलाफ प्रदर्शन क्यों नहीं किया। उन्होंने बिल्कुल आत्मसमर्पण कर दिया था। भाजपा को सिर्फ दस सीटों पर होना चाहिए था।

बता दें कि शनिवार (3 मार्च, 2018) को आए उत्तरी-पूर्वी राज्यों के रुझानों में भाजपा ने धमाकेदार बढ़त बनाई है। यहां भाजपा नीत एनडीए गठबंधन तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैण्ड में से दो राज्यों में सीधी सरकार बनाने की स्थिति में आ गया है। त्रिपुरा में तो भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है। यहां पहली बार सरकार बनाने जा रही भाजपा ने लेफ्ट का किला ढहा दिया है। साल 1993 से यहां लेफ्ट का दबदबा रहा था। नागालैंड में भाजपा एनडीपीपी के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छूने के करीब पहुंच गई है। वहीं मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेफ्ट अब देश में केरल में सीमिट होकर रह गई है। त्रिपुरा और नागालैंड की जीत के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दलों की अब देश के 21 राज्यों में सरकार में है। जबकि कांग्रेस मेघालय में सरकार बनाती है तो उसकी देश के चार राज्यों पंजाब, कर्नाटक, मेघालय और मिजोरम में सरकार होगी। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब किसी एक पार्टी की देश के इतने बड़े भाग पर हुकूमत होगी। इससे पहले करीब 24 साल पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने देश के 18 राज्यों में एक समय में सरकार बनाई थी।

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