राजस्थान: सवालों के घेरे में वसुंधरा सरकार, दागी IAS अधिकारी को दिया प्रमोशन
राजस्थान माइनिंग स्कैम में गिरफ्तार किए जा चुके आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को वसुंधरा राजे सरकार द्वारा प्रमोशन देने का निर्देश जारी किया गया है। इस निर्देश को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ने 2 मार्च को जारी किया, जिसके अनुसार अशोक सिंघवी का पेय ग्रेड लेवल 17 तक अपग्रेड कर दिया गया है। इस प्रमोशन के बाद राजे सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह निर्देश उस दिन जारी किया गया जब होली के मौके पर शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश था। डीओपी के निर्देश के अनुसार, “आईएएस अशोक सिंघवी को भारतीय प्रशासनिक सेवा के उपरोक्त सुपर टाइम वेतन पैमाने से मुख्य सचिव वेतनमान (वेतन मैट्रिक्स में स्तर 17) के लिए प्रमोट किया जाता है, जिसे 4-8-2017 से प्रभाव से लाया जाएगा। यह प्रमोशन आदेश उनके खिलाफ सभी आपराधिक कार्यवाही में किए गए अंतिम निर्णयों के अधीन है।”
डीओपी के नए निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगले आदेश तक सिंघवी अपनी वर्तमान पोस्टिंग के साथ ही काम करेंगे। एक दागी आईएएस अधिकारी को दिए गए प्रमोशन के बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसा लगता है कि आठ महीने तक जेल की हवा खा चुके अशोक सिंघवी को राजे सरकार ने यह होली का तोहफा भेंट किया है। एक घूसखोर अधिकारी को इस तरह प्रमोशन देना बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है जिससे पार्टी अन्य राजनीतिक दलों के निशाने पर आ सकती है।
बता दें कि पिछले साल अशोक सिंघवी को राज्य सरकार ने उनके निलंबन के बाद बहाल किया था। इससे पहले वे जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज संगठन के महानिदेशक के पद पर कार्यरत थे। साल 2015 में आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को एसीबी द्वारा माइनिंग विभाग में रिश्वतखोरी रैकेट का हिस्सा होने के केस में गिरफ्तार किया था। सिंघवी जब गिरफ्तारी हुई थी तो वे उस वक्त राज्य सरकार में माइन्स एंड पेट्रोलियम डिपार्टमेंट में प्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत थे। डीओपी के नए निर्देश में कहा गया है कि अगले आदेश तक सिंघवी अपनी वर्तमान पोस्टिंग के साथ ही काम करेंगे।