जिम्बाब्वे के मर्दों के लिए छोटे पड़ रहे चीनी ‘कॉन्ट्रासेप्टिव’, स्वास्थ्य मंत्री को करनी पड़ी शिकायत
श्रेया दास
आजकल दुनियाभर में चीन में निर्मित सामान इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन जैसे-जैसे चीनी सामान की पहुंच दुनियाभर में हो रही है, वैसे ही इसकी क्वालिटी को लेकर शिकायतें भी कम नहीं हैं। लेकिन जिम्बाब्वे में समस्या चीनी सामान की गुणवत्ता को लेकर नहीं बल्कि कुछ सामानों के साइज को लेकर है। बता दें कि जिम्बाब्वे में कॉन्डोम चीन से आयात किए जाते हैं। ऐसे में जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री ने इन कॉन्डोम को लेकर शिकायत की है। अपने एक बयान में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि चीन से जो कॉन्डोम आयात किये जाते हैं, वो जिम्बाब्वे के मर्दों के लिए साइज में छोटे पड़ते हैं। खबर के अनुसार, हाल ही में जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में एचआईवी की रोकथाम के लिए आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान वहां के स्वास्थ्य मंत्री डेविड परीरेनयातवा ने कहा कि देश के युवाओं के बीच जो कॉन्डोम प्रसिद्ध है, वो चीन से आयात किया जाता है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे लेकर शिकायत की है कि ये साइज में काफी छोटे हैं।
हरारे में जिम्बाब्वे प्राइवेट सेक्टर एचआईवी और एड्स वैलनेस कॉर्डिनेटिंग प्रोग्राम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने इस स्थिति से बचने के लिए स्थानीय कंपनियों को कहा है कि वो देश में ही वैलनेस प्रोडक्ट्स का निर्माण करें। बता दें कि जिम्बाब्वे में एचआईवी पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार, जिम्बाब्वे एचआईवी के मरीजों के मामले में अफ्रीकी महाद्वीप में 6वें नंबर पर है और यहां 13.5 प्रतिशत की दर से एचआईवी के मरीज बढ़ रहे हैं। साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार, जिम्बाब्वे में 1.3 मिलियन एचआईवी पीड़ित मरीज हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री डेविड परीरेनयातवा ने कहा कि आप जानते हैं कि जिम्बाब्वे में एचआईवी वायरस से पीड़ितों की संख्या कितनी ज्यादा है और इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं।
साल 2012 में छपे एक लेख ‘पर्सनेलिटी और इंडीविजुएल डिफरेंसेस’ के अनुसार, दक्षिण एशियाई देशों और यूरोपीय देशों के लोगों के लिंग का साइज अफ्रीकी देशों के लोगों की तुलना में छोटा होता है। यही वजह है कि जिम्बाब्वे में कॉन्डोम के साइज को लेकर शिकायते आ रही हैं। बहरहाल यह शिकायत चीन पहुंच चुकी है और जिम्बाब्वे में वैलनेस प्रोडक्ट निर्यात करने वाली कंपनी ने शिकायत मिलने पर कंपनी ने इसे दूर करने की कोशिश भी शुरु कर दी है। फिलहाल कंपनी ने अफ्रीकी क्षेत्र में सर्वे शुरु करा दिया है, जिसके बाद उपभोक्ताओं की जरुरत के हिसाब से वैलनेस प्रोडक्ट में बदलाव किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि जिम्बाब्वे ऐसा पहला देश नहीं है, जिसने चीन के वैलनेस प्रोडक्ट्स को लेकर शिकायत की हो, इससे पहले एक अन्य अफ्रीकी देश घाना भी इन्हें लेकर अपनी शिकायत कर चुका है। खबर के अनुसार, चीन से घाना निर्यात किए गए करीब 1 मिलियन कॉन्डोम को लेकर शिकायत की गई थी कि वो खराब निकले हैं।