राजस्‍थान: धमकी के बावजूद घोड़ी चढ़ा दलित दूल्‍हा, 15 दिन बाद तोड़ दिए गए चाचा के पैर

दबंगों की धमकी दरकिनार कर दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ना महंगा पड़ा। शादी के 15 दिन बाद दबंगों ने दूल्हे के चाचा पर हमला कर पैर ही तोड़ दिए। अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना राजस्थान के सिरोही जिले की है।

अंडोर गांव निवासी कुइयाराम मेघवाल की 18 फरवरी को शादी थी। गांव के दबंग राजपूतों ने घोड़ी पर न चढ़ने की सलाह दी थी। कुइयाराम के मुताबिक राजपूतों ने कहा था कि तुम तो मेघवाल हो, हम ठाकुर है, अगर तुम घोड़ी पर बैठोगे तो हमारी मर्यादा क्या रह जाएगी? धमकी से बेपरवाह होकर शादी के दिन घुइयाराम घोड़ी पर चढ़े। इससे नाराज गांव के दबंग राजपूतों ने 15 दिन बाद चाचा पाका राम पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। दूल्हे के चाचा पाकाराम का एक पैर ही तोड़ दिया। हमला उस समय हुआ, जब पाका राम वाटरवर्क्स बोर्ड दफ्तर से घर लौट रहे थे।

घटना के बाद पुलिस ने एससी-एससी एक्ट की धाराओं के साथ आईपीसी की धारा 307,365, 323, 341 के तहत आरोपियों पर केस दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि ग्रामीणों से हुई कहासुनी के चलते पाका राम पर हमला हुआ।कुइयाराम के मुताबिक गांव के दबंगों की धमकी के बारे में हमने पुलिस को सूचना दी थी, जिस पर शादी के दिन पुलिस की सुरक्षा में हम घोड़ी पर चढे। रिश्तेदार गोपाल कुमार ने कहा कि मेघवाल समुदाय में शादी के दौरान अब तक कोई घोड़ी पर नहीं चढ़ा, इस नाते हम घोड़ी पर चढ़कर नई पीढ़ी के लिए एक उदाहरण पेश करने वाले थे।

पलाड़ी थाना प्रभारी बिहारी लाल ने बताया कि पुलिस की सुरक्षा में बारात शांति से निकली।पता चला कि कुछ दिन पहले पाका राम ने कहा था कि ठाकुर बारात नहीं रोक सके, जिससे खुन्नस खाए लोगों ने मौका पाकर हमला किया।
उन्होंने कहा कि अभियुक्त चेल सिंह ऊर्फ कुलदीप सिंह और भैरू सिंह राजपूत परिवारों से हैं। वे फरार हैं। पुलिस उन्हें खोज रही है। पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार करेगी। गांव के दलितों का कहना है कि पाका राम पर हमला उनके लिए झटका है जो जातीय प्रथाओं से दूर होने की कोशिश कर रहे हैं। कुइयाराम ने कहा,’मैं घोड़ी पर चढ़ने वाला गांव का पहला दलित था, इस घटना के बाद अब कोई फिर से ऐसी हिम्मत नहीं करेगा।’

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