…तो इस डील के तहत समाजवादी पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार हुईं मायावती

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया है। रविवार (4 मार्च) को उन्होंने लखनऊ में कहा कि एसपी-बीएसपी के गठबंधन की बात झूठी और निराधार है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीएसपी के कार्यकर्ता और समर्थक बीजेपी को हराने के लिए वोट करेंगे। इसके अलावा वह बीजेपी के खिलाफ सबसे मजबूत उम्मीदवार को वोट करेंगे। इन दोनों लोकसभा सीटों पर बीएसपी ने अपने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं। दरअसल मायावती ने एक डील के तहत इन दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में एसपी के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आगामी राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक दूसरे को वोट ट्रांसफर करेंगे। मायावती के मुताबिक राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में बसपा के विधायक सपा उम्मीदवार को वोट कर उन्हें जीतने में मदद करेंगे, इसी तरह से सपा के विधायक बीएसपी कैंडिडेट को राज्यसभा में भेजने के लिए बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में वोट करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती खुद इस रास्ते से राज्यसभा जाने की तैयारी कर रही हैं।

बता दें कि बीएसपी के पास अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है। इसलिए उसे सपा की सहायता लेनी पड़ रही है। मायावती ने सपा और कांग्रेस को फार्मूला देते हुए कहा, ‘‘बसपा अपने बलबूते पर किसी को भी राज्यसभा नहीं भेज सकती। ना ही सपा के पास इतने विधायक हैं कि वह दो राज्यसभा सदस्य चुनकर भेज दे। उसे अपना दूसरा सदस्य जिताने के लिये और सदस्यों की जरूरत होगी, इसलिये हमारी पार्टी के लोगों ने सपा के लोगों से बात करके निर्णय लिया है कि हमारी पार्टी का कार्यकर्ता राज्यसभा में जाएगा। बदले में हम उन्हें विधान परिषद चुनाव में मदद कर देंगे।’’ उनके पूर्व में दिये गये निर्देशों के मुताबिक जो भी दूसरा उम्मीदवार भाजपा को हराने की स्थिति में होगा, बसपा के लोग उसे ही वोट देंगे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें से संख्या बल के मुताबिक बीजेपी 8 सीटें आसानी से जीतती दिखाई दे रही है। समाजवादी पार्टी भी एक सीट आसानी से अपने नाम कर लेगी। टक्कर 10वीं सीट के लिए है। मायावती की नजर इसी सीट पर है। वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए औसतन 38 विधायकों का समर्थन चाहिए।

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